क्या फिर से जिंदा होगा ऊनी मेमथ (Will the woolly mammoth return?)

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डायनासोर , मेमथ   जैसे विलुप्त हो चुके जानवर जल्दी ही हमे वापस अपने आसपास घूमते हुए  दिखने वाले हैं …… जी हाँ यह कोई फेक न्यूज़ नहीं है बल्कि सच्चाई है ….वैज्ञानिको ने लेब मे कुछ विलुप्त  हो चुके जानवरो को फिर से बनाने का दावा किया है lयकीन नहीं आ रहा न …… लेकिन यह सच है  l  हम बात कर रहे हैं मेमथ की , वहीँ  हाथी के आकार के जीव म जिनके  झबरा लाल-भूरे रंग के  फर और लंबे, घुमावदार दांत थे। यह ऊनी मैमथ था। जो आज से कई हज़ार साल विलुप्त हो चूका है l मैमथ कभी पूरे यूरोप, उत्तरी एशिया और उत्तरी अमेरिका में पाए जाते थे। अधिकांश शक्तिशाली जानवर लगभग 10 000  साल पहले मारे गए, इसका सबसे बड़ा कारण था  गर्म जलवायु और मानव शिकार  l लेकिन अब यह जानवर ज्यादा समय तक धरती से ओझल नाह रहेंगे क्यूंकि वैज्ञानिक इन्हें पुनः जीवित करने की कोशिश कर रहे है  l

             आपने जुरासिक पार्क फिल्म देखी है , उसमे वैज्ञानिक  एक मच्छर के खून मे से डायनासोर का DNA लेते हैं और एक रियल डायनासोर क्रिएट कर लेते हैं , अब इसी टेक्नोलोजी का इस्तेमाल कर साइंटिस्ट उन जीवो को री बोर्न  करने कि कोशिश कर रहे हैं जो सालो पहले विलुप्त हो चुके हैं  और वो इसके कई सफल एक्सपरिमेंट भी कर चुके हैं l

Iberian Ibex यह जीव अत्यधिक शिकार के चलते  सन 2000 मे  विलुप्त  हो गया था ,पर 23 जनवरी 2003 को वैज्ञानिकों ने एक मृत  ibex कि जमी हुई स्किन से DNA collect कर  लेब मे एक ibex baby को विकसित किया था l जी चौंकिए नहीं यह सच है l.लेकिन दुर्भाग्य से वो baby कुछ ही देर जीवित रह पाया  और जन्म  के कुछ मिनट बाद ही वो मर गया  , पर इस  असफल प्रयोग ने विज्ञान जगत मे क्रांति ला दी ,और वैज्ञानिको  को विश्वास  हो गया कि बहुत ही जल्द वह लुप्त हो चुके जीवो को पुनः जीवित करने मे सफल हो जाएंगे l इसके  बाद  वैज्ञानिकों की एक टीम ने नेवले की प्रजाति के जानवर, “काले पैर का फैरेट “  का क्लोन सफलता पूर्वक बना दिया जिसके बारे में माना जा रहा था कि वह 1980 के दशक में विलुप्त हो चुका है  , उसे एक 30 साल पहले मर चुके जानवर के संरक्षित जीन्स से बनाया गया.इसके बाद गेंडे कि लुप्त हो चुकी प्रजातियों कि भी सफल क्लोनिंग की जा चुकी है

आप को यकीन नहीं आ रहा होगा  लेकिन यह सच है दुनिया मे क्लोनिंग कि मदद से कई जीव बनाए जा चुके हैं l

अब हार्वर्ड यूनिवर्सिटी के वैज्ञानिकों  की एक टीम करोड़ों साल पहले विलुप्त हो चुके ऊनी मैमथ का क्लोन बना कर उसे फिर से जिंदा करने का प्रयास कर रही है l

लेकिन यह प्रोसीजर बहुत ही मुश्किल है  , इसके रास्ते मे सबसे बड़ी समस्या है  DNA ……क्यूंकी किसी भी जीव कि क्लोनिंग के लिए उसका preserved DNA चाहिए होता है , और मेमथ इस धरती पर सैकड़ो साल पहले पाए जाते थे ऐसे मे क्लोनिंग के लिए उपयुक्त डीएनए  ढूंदना एक बहुत ही मुश्किल काम है और वैसे भी DNA बहुत ही जल्दी नष्ट हो जाता है l ऐसे मे यह  प्रयोग सफल करना इतना आसान नहीं है  lलेकिन scientist को उम्मीद है की 2045 तक वो अपने एक्सपरिमेंट मे सफलता पा लेंगे और अगर ऐसा हुआ तो कोई शक नहीं  कि बड़े बड़े दांत वाले मेमथ धरती पर घूमते हुए नज़र आएँ

क्लोनिंग की कैसे जाती है l.

इसे  genetic engineering का एक करिश्मा ही कहा जा सकता है ,

आपने डोली भेड़ के बारे मे तो सुना ही होगा,  यह क्लोननिंग कि मदद से पैदा कि गई भेड़ थी जिसे वैज्ञानिको ने सन 1996 मे लेब मे पैदा किया था lलेकिन उसे उसकी माँ के DNA से बनाया गया था पर  जब हम  बात करते हैं किसी ऐसे जीव कि जो अब अस्तित्व मे ही नहीं है तो यह प्रोसैस बहुत मुश्किल हो जाती है l.

इसमे वैज्ञानिक लुप्त हो चुके जीव जैसे डायनोसोर ,मेमथ आदि की हड्डीया, बाल, दांत आदि  में से DNA के बचे हुए अवशेष निकालते है ।  पर यह डीएनए एक दम बिखरा हुआ होता है बीच से टूटा फूटा बिलकुल किसी टूटी कंघी जैसा l

अब इस DNA की तुलना धरती पर मौजूद किसी ऐसे जीव से की जाती है जो लुप्त जीव से मिलता जुलता हो ,और अगर मेमथ कि बात करे तो उसका नजदीकी रिश्तेदार अभी धरती पर जीवित है और वो है एशियन हाथी ,इसके बाद वैज्ञानिक एशियाई हाथी के डीएनए का इस्तेमाल मैमथ के डीएनए की जानकारियों में छूट रही कमियों को भरने में कर सकते हैं  l.इसे DNA Transplant कहा जाता है lवैज्ञानिक उसके बाद हल्का सा विधयुत Electricity  flow करके या केमिकल रिएक्शन  की मदद से testicles के साथ  DNA को पूरी तरह जोड़ते है । और इसके बाद इसे इक मादा के Uterus मे रखा जाता है  l ताकि भ्रूण को पूरा पोषण मिल सके …..और इसके बाद एक विलुप्त जीव को फिर से ज न्म दिया जा सकता है

यह तकनीक लगभग वैसी होगी जैसी कि जुरासिक पार्क फिल्म में दिखाई गई थी.यही तरीका  डॉली भेड़ को पैदा करने मे अपनाया गया थाl लेकिन यहाँ भी एक बड़ी समस्या है , एशियन हाथी पहले से ही लुप्त हो रही प्रजातियों में से एक है , उनकी संख्या धरती पर लगातार कम हो रही है . ऐसे में कहीं मेमथ को जीवित करने के चक्कर में हम एक और जीव को विलुप्त न कर दे l

        सुनने मे तो यह एक बहुत ही क्रांतिकारी खोज लगती है लेकिन अगर यह सफल हो गई तो कई समस्याएँ भी उत्पन्न हो सकती हैं ,l सबसे बड़ा डर यह  है कि मृत  जीवों को दोबारा पैदा करने की जल्दबाजी में कहीं धरती का स्वरूप ही न बदल जाए .सभी इस होड मे लगे है कि हम ज़्यादा से ज़्यादा जीवो को पैदा कर सके  कोई यह नहीं सोच रहा  कि पैदा होने वाले इन जीवों के साथ हम क्या करेंगेl..

ज्यादातर जीव इसलिए विलुप्त हुए क्योंकि उनके प्राकृतिक आवास खत्म हो गए थे,अब इस इस बदले हुए environment मे वे कैसे एडजस्ट कर पाएंगे कहीं यह क्लोन वाले जीव महज म्यूजियम में प्रदर्शन की वस्तु बन कर  न रह जाए , क्यूंकी उनके पास न तो उनका समाज होगा  न तो असल मां बाप होंगे न ही ये बताने वाला कि उड़ें कैसे या शिकार कैसे करें या फिर किसका शिकार करें ……. कहीं हमारी दुनिया का हाल जुरसिक पार्क जैसा न हो जाए lयह बहुत डरावना सच है जिसके बारे मे विचार ज़रूरी है प्रकर्ति से खिलवाड़ का यह खेल कहीं मनुष्य को भारी न पड़ जाए

वहीं हमेशा की तरह वैज्ञानिक अपनी इस खोज के समर्थन मे कई तर्क दे रहे हैं उनका मानना है की वो जीवो को अपनी जरूरत के अनुसार डिज़ाइन कर पाने मे सक्षम हैं lऔर अगर मेमथ जैसे पुराने जीव वापस आते है तो उन्हे नॉर्थ pole मे रहने के लिए डिज़ाइन किया जा सकेगा और अगर इतने  विशालकाय जीव बर्फीले इलाकों में रहने लगे तो वे बर्फ को मिट्टी के नीचे दबा देंगे जिससे उत्तरी इलाकों बर्फ पिघलने का खतरा कम हो जाएगा जिससे ग्लोबल वार्मिंग को रोका जा सकेगाl….  और ऐसे कई जानवर है जिनके पुनः जीवित होने से पर्यावरण मे भी सुधार होगा |  एक तरफ तो वैज्ञानिक लुप्त जानवरो को लाने कि कोशिश कर रहे है वही दूसरी तरफ इंसान अपनी लालच के चलते उन्हे मिटाने पर तुला है …… जो जा चुके है उन्हे वापस लाने से बेहतर है कि जो जीव बचे हैं उन्हे सूरक्षित रखा जाए ,वरना इस खोज का कोई फाइदा नहीं है

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