सेडना पर पहुंचना क्यों है जरूरी?

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Short info :- सबसे पहले सेडना 2012 वीपी 113 के करीब स्थित है जिसे ‘बाइडन’ के नाम से भी जाना जाता है। जब इसकी खोज हुई तब अमेरिकी राष्ट्रपति बाइडन थे। जोकि अमेरिका के उपराष्ट्रपति थे।

हमारे सौर मंडल के सबसे दूरस्थ खगोलीय पिंड सेडना पर खोज करना चाहते थे वैज्ञानिक ने यह बताया कि यह ग्रह सूर्य का एक चक्कर पूरा करने में 11,400 साल का समय लेता है।

जिसे ‘बौने ग्रह’ सेडना भी कहा जाता है। आपको बता दें कि यह ग्रह 11 हजार सालों में सिर्फ एक बार सूर्य के निकटम बिंदू पर आता है।

सौर मंडल में सूर्य से सबसे दूर स्थित खगोलीय पिंड सेडना (Sedna) की खोज 2003 में की गई थी। यह नेपच्यून ग्रह की तुलना में तीन गुना ज्यादा दूर है।

एक नए रिसर्च पेपर के अनुसार इस अजीबोगरीब और नेप्च्यूनियन से भी आगे स्थित ‘बौने ग्रह’ पर मिशन भेजने की संभावनाएं हैं। भी बढ़ रही है। माना जा रहा है। कि 2029 से 2034 के बीच इसे लॉन्च किया जा सकता है।

अगर वैज्ञानिकों ने इस अवसर को खो दिया तो सेडना पर पहुंचना अगले 11,000 सालों तक असंभव हो जाएगा। सेडना को एक ‘बौने ग्रह’ के रूप में जाना जाता है।

यह बाहरी सौर मंडल में स्थित विशाल ग्रहों की कक्षाओं से दूर एक बर्फीला पिंड है। सेडना 2012 वीपी 113 के करीब स्थित है जिसे ‘बाइडन’ के नाम से भी जाना जाता है।

11,400 सालों में पूरा करता है सूर्य का एक चक्कर

अंतरिक्ष में सेडना और सेडनोइड्स की मौजूदगी कथित ‘नौवें ग्रह’ का संकेत देती है। सेडना पर जाने के लिए वैज्ञानिकों के सामने ‘करो या मरो’ वाली स्थिति है।

सेडना की कक्षा काफी लंबी है और वर्तमान में यह सूर्य के करीब भी आ रहा है। 11,400 सालों में सिर्फ एक बार यह सूर्य के निकटतम बिंदु पर होता है। सेडना साल 2073-74 में यह सूर्य के सबसे करीब पहुंच जाएगा।

हालांकि इस दौरान भी सूर्य से इसकी दूरी करीब 74 au होगी।2029 से 2034 से बीच शुरू करनी होगी यात्रा इसका मतलब है कि सेडना हमसे निकतम बिंदू पर भी बहुत दूर होता है। सूर्य से इसकी सबसे अधिक दूरी 937 au होती है।

सौर मंडल में दूरियों को नापने के लिए au यूनिट का इस्तेमाल किया जाता है। आसान भाषा में इसे ऐसे समझ सकते हैं कि सूर्य की नेपच्यून से दूरी 30 au (4.4747 अरब किमी) है।

एक रिसर्च पेपर के अनुसार सेडना पर पहुंचने के लिए
अंतरिक्षयान को अपनी यात्रा 2029 से 2034 के बीच शुरू करनी होगी।

सेडना पर जाना क्यों है जरूरी?

अब सवाल ये हैं कि सेडना,जो इतना दूर है।और जहां जाना इतना मुश्किल है, वहां जाना क्यों जरूरी है? वैज्ञानिक सेडना पर खोज इसलिए करना चाहते हैं क्योंकि इसका रंग लाल है जिससे संभावना है

कि यह ग्रह की सतह पर थॉलिन्स नामक हाइड्रोकार्बन कम्पाउंड भी मौजूद हो सकता है। दूसरी दिलचस्प चीज यह कि यह ग्रह पूरी तरह बर्फ से ढका हुआ है जिसके नीचे महासागर भी मौजूद हो सकते हैं।

आशा करते हैं कि आपको यह जानकारी अच्छा लगा होगा तो बना फिर में कॉमेंट में माध्यम से जरूर दे।

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