बायोफ्यूल अलायंस क्या है? देखें पूरी जानकारी – Scienceshala

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बायोफ्यूल अलायंस क्या है? (Biofuel Alliance Kya Hai)

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में जी 20 की बैठक हाल ही में भारत की राजधानी नयी दिल्ली में संपन्न हुई है, जिसे आज तक की सबसे सफल बैठक बताया गया है। G20 की इस बैठक में वैश्चिक स्तर पर कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए और उन पर आम सहमति बनाई गई, जिसमें Biofuel भी था। इस बायोफ्यूल के मुद्दे पर नरेन्द्र मोदी जी के द्वारा बहुत जोर दिया गया और साथ ही इसके लिए बायोफ्यूल अलायंस (Biofuel Alliance) बनाया गया है, जिसमें कई देशों की सहभागिता सुनिश्चित की गयी है. पिछले दिनों बायोफ्यूल  का मुद्दा राष्ट्रीय मीडिया में भी सुर्ख़ियों में बना रहा , आइये हम इसके बारे में जानते हैं की बायोफ्यूल क्या होता है? इसका इस्तेमाल करने पर क्यों जोर दिया जा रहा है और इससे क्या कुछ फायदे हो सकते हैं?

 

बायोफ्यूल अलायंस क्या है? (What is Biofuel Alliance in Hindi)

अभी तक भारत की ऊर्जा जरुरत का अधिकतर हिस्सा जीवाश्म ईंधन से ही पूरा होता है. परंतु वर्तमान समय में ईंधन केवल विकास के लिए आवश्यक नहीं है बल्कि यह एक कूटनीतिक शक्ति के रूप में भी इस्तेमाल किया जा रहा है. इसके साथ ही विशेषज्ञों द्वारा जीवाश्म ईंधन के पर्यावरण पर पड़ने वाले बुरे प्रभावों को लगातार रेखांकित किया जा रहा है। यही कारण है कि भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बायोफ्यूल अलायंस की शुरुआत की, जिससे दुनिया को प्रदूषण से बचाया जा सके और सकारात्मक कार्रवाई की जा सके। इसके माध्यम से स्वच्छ ऊर्जा की ओर बढ़ने की कोशिश की गई और इसके परिणामस्वरूप ग्लोबल बायोफ्यूल अलायंस का गठन हुआ।

इसके तहत, शुद्ध ईंधन का इस्तेमाल बढ़ावा देने पर जोर दिया जाएगा और इस दिशा में आगे काम किया जाएगा। इसके इस्तेमाल से प्रदूषण कम होगा और ईंधन का सही इस्तेमाल होगा। भारत, अमेरिका और ब्राजील ग्लोबल बायोफ्यूल अलायंस के संस्थापक हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ग्लोबल बायोफ्यूल अलायंस की घोषणा की है, तब से जी 20 के 11 से अधिक देश इससे जुड़ चुके हैं। जिनमें इटली और अर्जेंटीना भी हैं। साथ ही, मोदी ने विश्व भर में सभी देशों को इस बायोफ्यूल अलायंस में शामिल होने का आह्वान किया है, ताकि स्वच्छ ऊर्जा की दिशा में तेजी से आगे बढ़ा जा सके और दुनिया को प्रदूषण से बचाया जा सके होगा।

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बायोफ्यूल का मतलब क्या है?

आप कई तरह के ईंधन का इस्तेमाल करते होंगे जैसे कि पेट्रोल, डीजल, गैस इत्यादि. इनका इस्तेमाल पूरी दुनिया में ही बहुत धड़ल्ले से हो रहा है, लेकिन इनके लगातार हो रहे इस्तेमाल से प्रदूषण का स्तर और ग्लोबल वार्मिंग बढ़ता जा रहा है, जो पूरी दुनिया के ही लिए ही खतरे की घंटी है.

ऐसे में बायोफ्यूल इस समस्या का समाधान है. बायोफ्यूल (Biofuel) एक प्रकार का ईंधन होता है जो जीवाणु या पौधों से बनाया जाता है, और इसका मुख्य उद्देश्य पेट्रोल और डीजल जैसे अधिक प्रदूषण उत्पन्न करने वाले फ़ॉसिल ईंधन के स्थान पर एक साफ और सुस्त ईंधन विकसित करना है। बायोफ्यूल को आमतौर पर खेती हुई फसलों से बनाया जाता है, जैसे कि सोयाबीन, कॉर्न, गन्ना, और अन्य पौधों से निकाले जाने वाले तेलों का उपयोग करके।

बायोफ्यूल के मुख्य प्रकार होते हैं:

  1. बायोडीजल (Biodiesel): यह बायोफ्यूल पेट्रोलियम डीजल के स्थान पर उपयोग किया जा सकता है और यह पौधों से बने तेलों से तैयार किया जाता है।
  2. बायोथीनोल (Bioethanol): यह बायोफ्यूल पेट्रोल के स्थान पर उपयोग किया जा सकता है और यह मुख्य रूप से खेती हुई फसलों से निकाले जाने वाले सुगर या स्टार्च से बनाया जाता है।
  3. बायोमेथन (Biomethane): यह बायोगैस के रूप में होता है और जीवाणु, गोबर, और बायोडिगेस्टर से बनाया जाता है। इसका उपयोग गैस गाड़ियों में जीवाणु या प्राकृतिक गैस के रूप में किया जा सकता है।

बायोफ्यूल का मुख्य फायदा यह है कि यह प्रदूषण कम करता है, क्योंकि इसका इस्तेमाल करने से कार्बन डाइऑक्साइड का निर्माण कम होता है और यह एक प्रकार से स्वच्छ ईंधन होता है। इसके अलावा, यह सुस्त और विश्वासी ईंधन के स्रोत के रूप में भी काम कर सकता है, क्योंकि पेड़-पौधों से इसका निर्माण हो सकता है जो बार-बार उगाये जा सकते हैं।

तो कुल मिलाकर एक ऐसा ईंधन जिसे हम वेस्ट पदार्थों व पेड़ पौधों की सहायता से बनाते हैं, उसे ही बायोफ्यूल कहा जाता है. इसी कारण इसके नाम में बायो शब्द जोड़ा गया है अर्थात बायो प्रोडक्ट्स की सहायता से ईंधन का निर्माण किया जाना.

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बायोफ्यूल कैसे बनता है?

बायोफ्यूल जोड़ीकृत सामग्रियों से बनी नवाचारिक ऊर्जा स्रोत हैं, मुख्य रूप से पौधों और जैविक अपशिष्ट से निकलते हैं। इन्हें उनके कम कार्बन पैदावार के कारण जीवाणु ईंधन के एक पर्यावरण में मितिगत विकल्प के रूप में माना जाता है। बायोफ्यूलों के उत्पादन की प्रक्रिया को समझने के लिए, हम निम्नलिखित अधिक विवरण प्रदान करेंगे:

1. प्रारंभिक सामग्री का चयन: बायोफ्यूल के उत्पादन के लिए उपयुक्त सामग्री का चयन करना महत्वपूर्ण होता है। प्राथमिक रूप से, खाद्य फसलें जैसे कि सोयाबीन, कैनोला, और तिल, बायोडीजल उत्पादन के लिए प्रयुक्त होती हैं, जबकि जैव अपशिष्ट जैसे कृषि अपशिष्ट, गोबर, या पौधों के सब्जी संदेश बायोगैस और बायोथीजल के उत्पादन के लिए अधिक उपयुक्त होते हैं।

2. फर्मेंटेशन प्रक्रिया: सामग्री को तैयार करने के लिए, यह कच्ची माल को विभिन्न उपकरणों में फर्मेंट किया जाता है। इस प्रक्रिया के दौरान, यह सामग्री बैक्टीरिया और अन्य माइक्रोऑर्गेनिज्मों के साथ रहकर बायोफ्यूल के रूप में बदल जाती है, जो उपयोग के लिए प्राप्त की जाती है।

3. रिफाइनरी प्रक्रिया: बायोफ्यूल के रूप में प्राप्त सामग्री को प्रशोधित करने के लिए एक रिफाइनरी प्रक्रिया का अनुसरण किया जाता है। इसमें सामग्री को विभिन्न धारकों और धातुओं के साथ मिश्रित करके उपयोगकर्ता की आवश्यकताओं के आधार पर तैयार किया जाता है।

4. उपयोग: बायोफ्यूल का उपयोग उपयोगकर्ता की आवश्यकताओं के अनुसार किया जाता है, जैसे कि वाहनों के ईंधन के रूप में या ऊर्जा उत्पादन के लिए।

बायोफ्यूल का निर्माण कई तरीकों से किया जा सकता है और यह विभिन्न सामग्रियों का उपयोग करके बनाया जाता है, विशेष रूप से प्लांट और जैव अवशिष्टों का उपयोग किया जाता है। बायोफ्यूल को निम्नलिखित प्रकार से बनाया जा सकता है:

  1. बायोडीजल (Biodiesel): बायोडीजल का निर्माण खाद्य तेल जैसी खाद्य फसलों (जैसे सोयाबीन, कैनोला, और तिल) से किया जाता है। इसके लिए खाद्य तेल को तैयार करने के लिए तकनीकियों का उपयोग किया जाता है।
  2. बायोगैस (Biogas): बायोगैस का निर्माण जैव अवशिष्टों जैसे कि कृषि अपशिष्ट, गोबर, या पौधों के सब्जी संदेशों का फर्मेंटेशन (बायोडिजेस्टर) के माध्यम से किया जाता है। यह बायोगैस के रूप में उपयोग किया जा सकता है, जिससे बिजली और ऊर्जा उत्पन्न की जा सकती है।
  3. बायोथीजल (Bioethanol): बायोथीजल का निर्माण गन्ने के रस से या अन्य सकर करने वाली फसलों से किया जा सकता है। इसके लिए फसलों को फर्मेंट किया जाता है ताकि शराब (एल्कोहल) बने, जिसका नाम एथेनॉल होता है। यह ईंधन और उपयोग में आता है।

इन प्रक्रियाओं में जो मूल सामग्री उपयोग की जाती है, उसके बाद से बायोफ्यूल के रूप में उसे तैयार करने के लिए रिफाइनरी की प्रक्रिया का पालन किया जाता है। इसके बाद बायोफ्यूल को उपयोग करने के लिए उपयोगकर्ता की आवश्यकताओं के अनुसार मिश्रित और तैयार किया जाता है। बायोफ्यूल विश्वसनीयता और पर्यावरणीय लाभों के लिए एक महत्वपूर्ण विकल्प हो सकता है, क्योंकि इसका उपयोग फॉसिल ईंधन की तुलना में कम प्रदूषण उत्पन्न करता है।

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बायोफ्यूल के इस्तेमाल से होने वाले फायदे

बायोफ्यूल एक प्राकृतिक और साथ ही पर्यावरण के लिए साथी विकल्प है, जिससे हमें और हमारे प्रकृति को कई तरह के फायदे हो सकते हैं:

1. ऊर्जा स्वावलंबन: बायोफ्यूल का उपयोग करके हम पेट्रोल और डीजल की निर्भरता कम कर सकते हैं, जिससे देश की ऊर्जा स्वावलंबन में सुधार होता है और अर्थव्यवस्था को स्थिरता मिलती है।

2. अपशिष्ट सब्जी और खेती का उपयोग: बायोफ्यूल के निर्माण के लिए खेतों में उत्पन्न होने वाले अपशिष्ट और व्यर्थ पदार्थों का उपयोग किया जा सकता है, जिससे खेती की उपज भी बढ़ सकती है।

3. प्रदूषण कमी: बायोफ्यूल का उपयोग करने से प्रदूषण कम होता है, जिससे वायु प्रदूषण और कार्बन प्रदूषण को कम किया जा सकता है। यह अधिक स्वस्थ और सुरक्षित वातावरण का संरक्षण करने में मदद करता है और विभिन्न स्वास्थ्य संबंधित बीमारियों से बचाव करता है।

4. जलवायु परिवर्तन को कमी: बायोफ्यूल के उपयोग से उन्हानियत जलवायु परिवर्तन को कम किया जा सकता है, जो धरती की प्राकृतिक स्थिति को सुरक्षित रखने में मदद करता है।

5. सामग्री का उपयोग: बायोफ्यूल के निर्माण के लिए अपशिष्ट और बीकने वाले सामग्री का उपयोग किया जा सकता है, जिससे अपशिष्टों का पुनः प्रयोग होता है और उन्हें बेकारी से बचाया जा सकता है।

इस तरह, बायोफ्यूल का उपयोग एक सशक्त और प्राकृतिक ऊर्जा स्रोत के रूप में साथित होकर हमारे पर्यावरण और समाज के लिए कई तरह के लाभ प्रदान करता है।

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इथेनॉल फ्यूल क्या है? ( What is Ethanol in Hindi)

ईथेनॉल फ्यूल एक प्रकार की बायोफ्यूल है, जिसे जैविक स्रोतों से बनाया जाता है। इसका मुख्य घटक एल्कोहल (इथेनॉल) होता है और इसे अक्सर इथिल अल्कोहल या ग्रेन अल्कोहल के नाम से भी जाना जाता है।

ईथेनॉल फ्यूल का उपयोग वाहनों के इंजनों में ऊर्जा स्रोत के रूप में किया जाता है, खासकर फ्लेक्स-फ्यूल वाहनों में, जो कि पेट्रोल और ईथेनॉल का मिश्रण उपयोग करते हैं। ईथेनॉल फ्यूल का उपयोग करने से पर्यावरण पर होने वाले नकरात्मक प्रभाव को कम किया जा सकता है, क्योंकि यह पेट्रोलियम आधारित ईंधन की तुलना में कम प्रदूषण उत्पन्न करता है। इसके अलावा, ईथेनॉल फ्यूल का उत्पादन जैविक स्रोतों से होता है, जिससे कृषि और बायोमास सेक्टर को भी स्थायी आर्थिक लाभ पहुंचता है।

Conclusion

आपका बहुत धन्यवाद कि आपने हमारा लेख “बायोफ्यूल अलायंस क्या है? (Biofuel Alliance in Hindi)”  पढ़ा और आपको यह जानकारी पसंद आई। हमने आपको बायोफ्यूल अलायंस और बायोफ्यूल से संबंधित महत्वपूर्ण जानकारी प्रदान करने का प्रयास किया है। यदि आपके पास किसी अन्य प्रश्न या सुझाव हैं, तो कृपया हमसे संपर्क करें।

यहां कुछ आम सवाल और उनके उत्तर दिए गए हैं, जो “बायोफ्यूल अलायंस क्या है? (Biofuel Alliance Kya Hai)” पर आधारित हैं:

1. बायोफ्यूल क्या है?

उत्तर: बायोफ्यूल एक प्रकार का ईंधन है जो जीवाणु या पौधों से बनाया जाता है, और यह पेट्रोल और डीजल जैसे अधिक प्रदूषण उत्पन्न करने वाले फ़ॉसिल ईंधन के स्थान पर एक साफ और सुस्त ईंधन विकसित करना है।

2. बायोफ्यूल का उपयोग क्यों जरूरी है?

उत्तर: बायोफ्यूल का उपयोग प्रदूषण कम करने, जलवायु परिवर्तन को कम करने, और स्वच्छ ईंधन के स्रोत को बढ़ावा देने के लिए जरूरी है। यह एक सुस्त और पर्यावरण के लिए अधिक सहायक ईंधन विकसित करने का माध्यम है।

3. बायोफ्यूल अलायंस क्या है?

उत्तर: बायोफ्यूल अलायंस एक ग्रुप है जिसमें कई देश शामिल हैं और इसका मुख्य उद्देश्य प्रदूषण को कम करने के लिए बायोफ्यूल का उपयोग बढ़ाना है। इसके तहत, शुद्ध ईंधन का इस्तेमाल बढ़ावा देने पर जोर दिया जाएगा और इस दिशा में आगे काम किया जाएगा।

4. बायोफ्यूल के कितने प्रकार होते हैं?

उत्तर: बायोफ्यूल के मुख्य प्रकार होते हैं – बायोडीजल, बायोथीनोल, और बायोमेथन। बायोडीजल पेट्रोलियम डीजल के स्थान पर उपयोग किया जा सकता है, बायोथीनोल पेट्रोल के स्थान पर उपयोग किया जा सकता है, और बायोमेथन गैस गाड़ियों में जीवाणु या प्राकृतिक गैस के रूप में काम कर सकता है।

5. बायोफ्यूल के क्या फायदे हैं?

उत्तर: बायोफ्यूल का मुख्य फायदा है कि यह प्रदूषण को कम करता है, कार्बन डाइऑक्साइड का निर्माण कम होता है, और यह सुस्त और विश्वासी ईंधन के स्रोत के रूप में काम कर सकता है। इसके अलावा, यह किसानों के लिए एक और आय का स्रोत बना सकता है, क्योंकि इसके लिए फसलों का उपयोग होता है।

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