एनीमिया क्या है ? | what is anemia in hindi ? | anemia meaning in hindi,anemia in hindi,
एनीमिया का नाम आपने कई बार सुना होगा , एनीमिया का मतलब होता है खून की कमी | इसे हिंदी में रक्ताल्पता भी कहा जाता है | यह खून में पाया जाने वाला एक डिसऑर्डर (disorder ) है | दुनिया में लगभग एक तिहाई लोग खून की कमी का शिकार है | हमारे रक्त में लाल रक्त कोशिकाएं ( Red blood cells ) होती हैं, जिन्हें आरबीसी (RBC ) भी कहा जाता है। ये कोशिकाएं शरीर में मौजूद सभी ऊतकों तक ऑक्सीजन पहुंचाने का काम करती हैं। जब शरीर में आरबीसी (RBC ) की मात्रा कम होने लगती है तो शरीर में ऑक्सीजन भी कम होने लगती है और नए रक्त का बनना बंद हो जाता है। इस समस्या को एनीमिया या खून की कमी भी कहा जाता है।
एनीमिया के लक्षण (Symptoms of Anemia )
एनीमिया के लक्षण एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में भिन्न हो सकते हैं। हालांकि, कुछ सामान्य लक्षण इस प्रकार हैं।
सांस लेने मे तकलीफ
थकान
हाथ और पैर का ठंडा होना
त्वचा का पीला पड़ना
दुर्बलता यानी कमजोरी
चक्कर आना
सिरदर्द बने रहना
दिल की धड़कन का अनियमित होना
हड्डी, छाती, जोड़ों और पेट में दर्द आदि
एनीमिया क्यों होता है? ( Why anemia happens ?)
शरीर ,में अधिक ब्लीडिंग होने के कारण शरीर में लाल रक्त कणिकाओं ( Red blood cells ) की संख्या कम हो जाती है। क्योंकि शरीर में रेड ब्लड सेल्स ( Red blood Cells ) के निर्माण में काफी वक्त लगता है | तो अगर किसी वजह से शरीर में रक्त काम हो जाता है , तो एनीमिया हो सकता है | एनीमिया होने के कई कारण हो सकते है |
मलेरिया होने पर भी शरीर में Red blood cells की कमी काफी कम हो जाती है |
अगर किसी महिला को लंबे समय तक पीरियड्स होते हैं, तो उसके शरीर में रेड ब्लड सेल्स ( Red Blood Cells ) की कमी हो सकती है। यह फाइब्रॉएड से जुड़ा हो सकता है।
बार-बार गर्भधारण ( Pregnant ) होने की वजह से भी महिलाओं के शरीर में खून की कमी हो जाती है।
कई बार पेट में अल्सर होने की वजह से भी शरीर में अंदरूनी खून ( internal bleeding ) का बहाव होता है |
कई बार उचित खान पान की कमी की वजह से भी खून की कमी हो सकती है |
एनीमिया के प्रकार क्या हैं? (Types of Anemia )
एनीमिया कई प्रकार के होते हैं –
आयरन ( Iron ) की कमी से होने वाला एनीमिया – शरीर में आयरन की कमी से हिमोग्लिबिन बनने में समस्या आ जाती है जिसकी वजह से एनीमिया हो सकती है |
अप्लास्टिक एनीमिया ((Aplastic Anemia)- इस तरह के एनीमिया में अस्थि मज्जा ( Bone Marrow ) के द्वारा नई ब्लड सेल्स का निर्माण नही हो पाता , जिसकी वजह से खून की कमी हो सकती है |
सिकल सेल एनीमिया ((Sickle Cell Anemia) )- लाल रक्त कोशिकाओं ( Red Blood Cells ) का आकार बदल जाने की वजह से ब्लड धमनियों से गुजर नही पाता जिसकी वजह से एनीमिया हो सकता है |
विटामिन की कमी से होने वाला एनीमिया – आयरन के अलावा फोलेट और विटामिन बी-12 की कमी से भी एनीमिया भी हो सकता है |
थैलेसीमिया (Thalassemia)- हीमोग्लोबिन की कमी की वजह से DNA में गड़बड़ी आ जाती है , जिसकी वजह से यह खतरनाक बीमारी हो सकती है | यह बीमारी होने पर बार बार खून बदलवाना पड़ता है |
एनीमिया का पता कैसे लगाया जाता है ( How is anemia detected? )
एनीमिया का पता लगाने के लिए खून की जांच की जाती है |एनीमिया का पता लगाने के लिए CBC यानी (complete blood test ) की जरूर पड़ती है | इस टेस्ट के बाद मालूम चल जाता है की खून में white blood cells और red blood cells की संख्या कितनी है ….इसके साथ भी red blood cells के आकार और रन की भी जांच की जाती है | कुछ गंभीर मामलो में बोन मेरो की जांच भी की जाती है |
एनीमिया का इलाज कैसे संभव है (How can we treat Anemia ) –
आयरन की कमी से होने वाले एनीमिया के लिए डॉक्टर आयरन की खुराक लेने की सलाह देते हैं। इसके अलावा आप बीन्स, दाल, आयरन से भरपूर अनाज, गहरे हरे पत्तेदार सब्जियां और सूखे मेवे खाकर इससे बचाव कर सकते हैं।
डॉक्टर फोलेट या विटामिन बी-12 की कमी से होने वाले एनीमिया के लिए फोलेट और विटामिन बी-12 की खुराक लेने की सलाह देते हैं। इसके अलावा आप हरी पत्तेदार सब्जियां, राजमा, हरी मटर, मांस, सोया उत्पाद, मूंगफली और चावल खाकर इससे बचाव कर सकते हैं।
लाल रक्त कोशिकाओं को बढ़ाने के लिए अप्लास्टिक एनीमिया को रक्त आधान या अस्थि मज्जा प्रत्यारोपण की आवश्यकता हो सकती है।
सिकल सेल एनीमिया का कोई पूर्ण इलाज नहीं है। इसके लक्षणों को कम करने के लिए दवाएं दी जा सकती हैं।
थैलेसीमिया के लक्षण हल्के होते हैं, जिन्हें उपचार की आवश्यकता नहीं होती है। लेकिन कुछ मामलों में, रक्त आधान, प्लीहा हटाने, फोलिक एसिड की खुराक या अस्थि मज्जा स्टेम सेल प्रत्यारोपण किया जा सकता है।
डॉक्टर को कब दिखाना है ( when to consult a doctor ?)
अगर आप बिना किसी कारण के थका हुआ महसूस कर रहे हो | तो हो सकता है की आप एनीमिया के शिकार हो ऐसे में आपको फौरन डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए |
हम लोग अक्सर सामान्य रूप से खून की जांच नही करवाते , लेकिन अगर जांच में पता चले की आपके खून में हीमोग्लोबिन की कमी है तो आपको फौरन डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए |
आपको बता दें कि आपका शरीर तीन तरह की रक्त कोशिकाओं का निर्माण करता है- संक्रमण से लड़ने के लिए पहली सफेद रक्त कोशिकाएं ( White blood cells ) । दूसरा, आपके रक्त को थक्के बनने से रोकने में मदद करने के लिए प्लेटलेट्स, और तीसरा, आपके पूरे शरीर में ऑक्सीजन ले जाने के लिए लाल रक्त कोशिकाएं (red blood cells )
विज्ञान के अनुसार, लाल रक्त कोशिकाओं में हीमोग्लोबिन और एक आयरन युक्त प्रोटीन होता है जो रक्त को उसका लाल रंग देता है। यह हीमोग्लोबिन लाल रक्त कोशिकाओं को आपके फेफड़ों से आपके शरीर के सभी हिस्सों में ऑक्सीजन और शरीर के अन्य हिस्सों से कार्बन डाइऑक्साइड को आपके फेफड़ों तक ले जाने में सक्षम बनाता है। अगर शरीर में red blood cells कम हो जाए तो शरीर की कोशिकाओं में ऑक्सीजन ठीक से नहीं पहुंच पाती | जिसकी वजह से कमजोरी महसूस होती है |
एनीमिया आज कई लोगो के लिए बड़ी समस्या बन चुका है | लेकिन लोग अक्सर इस पर ध्यान नहीं देते जिसकी वजह से कई बार यह बीमारी बड़ा रूप ले लेती है | इसलिए जितनी जल्दी हो सके डॉक्टर से संपर्क करे |
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