गैंग्रीन क्या है | What is gangrene in Hindi

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गैंगरीन दरअसल एक ऐसी बीमारी है जो किसी अंग विशेष में तब होती है जब उस अंग में रक्त संचार (Blood flow )पूरी तरह से खत्म हो जाता है। जब खून नहीं पहुंचता तो वह अंग मर जाता है। ऐसा देखा गया है कि ऐसा ज्यादातर चोट आदि के कारण होता है। लेकिन इसका सबसे बड़ा कारण चीनी (sugar ) है, जब शरीर में चीनी की मात्रा अनियंत्रित हो जाती है तब इसका खतरा बहुत अधिक बढ़ जाता है । ऐसा देखा गया है कि पैरों और हाथों में गैंगरीन होना आम बात है। जब मधुमेह (diabities ) नियंत्रण से बाहर हो जाता है, तब इसका प्रभाव बहुत अधिक बढ़ जाता है | जब मधुमेह (diabities ) लंबे समय तक अनियंत्रित रहता है, तो यह शरीर के किसी भी हिस्से पर गैंगरीन का कारण बन सकता है। इसमें होता यह है कि उस विशेष अंग की रक्त वाहिकाएं (Blood vein ) धीरे-धीरे ब्लॉक होने लगती हैं।
गैंगरीन शरीर के किसी भी हिस्से में हो सकता है और जरूरी नहीं कि यह हाथ या पैर में हो। यह आंत में या कहीं भी हो सकता है। यदि हाथ-पैरों में रक्त का प्रवाह( Blood Flow ) कम हो जाए तो इसे पेरिफेरल वैस्कुलर डिजीज (peripheral vascular disease) कहते हैं। शुगर के मरीजों के लिए डॉक्टर सलाह देते हैं कि बेहतर होगा कि आप समय-समय पर अपने डॉक्टर से संपर्क करते रहें ताकि आपको अपने शुगर टेस्ट के नतीजों में होने वाले बदलावों की जानकारी मिलती रहे। शुगर को नियंत्रित करें। रेडियोलॉजिस्ट एक प्रकार के डॉपलर परीक्षण के माध्यम से रक्त प्रवाह की निगरानी करते हैं। इसे बीच-बीच में करते रहें, खासकर जब चीनी बार-बार उठती हो। चलने में दिक्कत हो तो पैरों का डॉपलर करना चाहिए।
वैसे कई बार मधुमेह न होने पर भी यह रोग हो सकता है। यदि आप धूम्रपान भी करते हैं, तो भी यह एक संभावना बन जाती है। दरअसल धूम्रपान से धमनियां सिकुड़ने लगती हैं और इससे नसों पर बुरा असर पड़ने लगता है। कभी-कभी रक्त में एक निश्चित प्रकार का विकार होता है जैसे कि थक्का जमना, जैसे कि यह रोग तभी हो सकता है जब कोई स्थिति हो। चोट लगने जैसी स्थिति होने पर भी रक्त का प्रवाह रुक जाता है

गैंग्रीन के प्रकार (Types of Gangrene )


गैंग्रीन मुख्यतः तीन प्रकार का होता है:


सूखा गैंग्रीन (Dry gangrene ):


शुष्क गैंग्रीन (Dry gangrene ) शरीर के बाहर विकसित होता है। यह अंग में अपर्याप्त मात्रा में रक्त पहुंचने के कारण होता है। शुष्क गैंग्रीन (Dry gangrene)आमतौर पर धमनीकाठिन्य (arteriosclerosis )के कारण वृद्ध लोगों के पैरों और उंगलियों पर इसका असर ज्यादा देखने में आता है। यह धीरे-धीरे बढ़ता है और उन ऊतकों (tissue ) तक पहुंच जाता है जिन्हें पर्याप्त मात्रा में रक्त मिल रहा है। शुष्क गैंग्रीन से प्रभावित त्वचा सूख जाती है और सिकुड़ जाती है और गहरे लाल-काले रंग की हो जाती है।

गीला गैंग्रीन( wet gangrene ):


यह नम ऊतकों (Tissue ) में होता है, जैसे कि मुंह, फेफड़े, आंतों, गर्भाशय ग्रीवा और योनी। कूल्हों और टखनों पर होने वाले बेड सोर भी एक प्रकार का गीला गैंग्रीन है। गीले गैंग्रीन को आमतौर पर कुछ बैक्टीरिया की वजह से जाना जाता है । सेप्टीसीमिया (septicemia ) के कारण शुष्क गैंग्रीन की तुलना में रोग का निदान करना अधिक कठिन है। ड्राई गैंग्रीन के कारण प्रभावित क्षेत्र में खून जमा हो जाता है, जिससे बैक्टीरिया तेजी से बढ़ने लगते हैं।


गैस गैगैंग्रीन (gas gangrene ) :


यह एक प्रकार का जीवाणु संक्रमण (bacterial infection ) है, जो ऊतकों(Tissue ) में गैस पैदा करता है। यह गैंग्रीन का सबसे गंभीर प्रकार है। यह संक्रमण बहुत तेजी से फैलता है, क्योंकि बैक्टीरिया द्वारा उत्पादित गैस आसपास के स्वस्थ ऊतकों में तेजी से प्रवेश करती है। यह संक्रमण बहुत तेजी से फैलता है , जिसकी वजह से इसका उपचार करना बहुत मुश्किल होता हैं |


गैंग्रीन लक्षण (Symptoms of Gangrene ) :


गीले और सूखे गैंग्रीन के कुछ मुख्य लक्षण हैं:
शरीर का प्रभावित हिस्सा फीका पड़ जाता है और अंततः गहरे काले रंग का हो जाता है और प्रभावित हिस्सा पूरी तरह से सूख जाता है।
गीला गैंग्रीन प्रभावित ऊतकों में सूजन और त्वचा से दुर्गंध का कारण उत्पन्न होती है। शुष्क गैंग्रीन में त्वचा पूरी तरह से सूख जाती है और गहरे लाल या काले रंग की हो जाती है। गैस गैंगरीन में बहुत बदबू उत्पन्न होती है और भूरे रंग का मवाद बनने लगता है।
त्वचा में अजीब सी चमक दिखाई पड़ती है |
गैंग्रीन प्रभावित त्वचा और स्वस्थ त्वचा के बीच स्पष्ट अंतर दिखाई देता है |
प्रभावित क्षेत्र में दर्द महसूस होता है , और कुछ समय बाद शख्स अंग को महसूस करने या हिलाने में असमर्थ हो जाता है |


शुगर और गैंग्रीन में क्या संबंध है?(What is the connection between sugar and gangrene? )


जब शरीर में खून का बहाव नियंत्रित नही होता तो शरीर में कई तरह की समस्याएं उत्पन्न हो जाती है , क्योंकि खून के साथ-साथ शरीर में ऑक्सीजन का प्रवाह भी होता है, जो हमारी जिंदगी के लिए बहुत ही जरूरी है |

लेकिन जब डायबिटीज के कारण शरीर में शुगर की मात्रा बढ़ जाती है तो धमनियों (arteries ) में बहने वाले खून में ग्लूकोज का स्तर बढ़ जाता है। इससे रक्त का प्रवाह भी प्रभावित होता है और ऊतक इसका पूरा लाभ नहीं उठा पाते हैं। इस स्थिति में धीरे-धीरे ये ऊतक मरने लगते हैं, जो बाद में गैंगरीन का रूप ले लेते हैं।

गैंग्रीन के कारण और जोखिम कारक – (Gangrene Causes and Risk Factors )


गैंगरीन क्यों होता है
खून शरीर के लिए बहुत ही जरूरी होता है ,खून न केवल पूरे शरीर में पोषक तत्वों और ऑक्सीजन को कोशिकाओं तक पहुंचाता है, बल्कि एंटीबॉडी बनाने में भी मदद कर सकता है जिससे शरीर को बीमारियों से लड़ने में मदद मिलती है । जब खून शरीर के किसी भी हिस्से तक नहीं पहुंच पाता है तो वहां की कोशिकाएं नष्ट होने लगती हैं और संक्रमण हो जाता है, जिसके परिणामस्वरूप ऊतक गैंग्रीन से नष्ट होने लगते हैं। रक्त प्रवाह को प्रभावित करने वाली कोई भी समस्या गैंगरीन के खतरे को बढ़ा सकती है।

गैंगरीन होने का खतरा कब बढ़ता है?(When does the risk of getting gangrene increase? )


शरीर में हों वाली कुछ खास परिस्तिथियो के कारण गैंग्रीन का खतरा कई गुना बढ़ जाता है यह स्थितियां हैं –
मधुमेह, धमनीकाठिन्य (diabetes, arteriosclerosis )रक्त के थक्के (blood clots ) जलन (Inflamation) हरनिया (hernia ), अगर हाल ही में आपका कोई ऑपरेशन हुआ हो ,या गंभीर चोट आई हो ,गंभीर शीतदंश (severe frostbite ),बाहरी धमनी की बीमारी (peripheral arterial disease ) ,धूम्रपान (smoking ),शराब की लत (alcohol addiction ),किसी बीमारी या कैंसर के इलाज के कारण कमजोर प्रतिरक्षा प्रणाली (Immune system)एचआईवी / एड्स,रेनॉड सिंड्रोम (Raynaud’s syndrome )
अगर आप में इनमे से कोई परेशानी है तो आपको गैंगरिन हों का खतरा कई गुना बढ़ जाता है |

गैंग्रीन की रोकथाम (prevention of gangrene ):


वैसे तो गैंग्रीन का इलाज काफी मुश्किल है ,लेकिन इसके बावजूद भी कुछ उपाय की जा सकते है , जिसने गेंगरीन के खतरे को कुछ हद तक टाला जा सकता है |
वजन कम करना
मोटापा न केवल मधुमेह के खतरे को बढ़ाता है, बल्कि यह धमनियों पर भी दबाव डालता है, रक्त के प्रवाह को कम करता है, संक्रमण और घाव भरने के जोखिम को बढ़ाता है।

धूम्रपान से बच कर रहे –
तंबाकू उत्पादों के लंबे समय तक सेवन से रक्त वाहिकाओं को नुकसान पहुंचता है।

मधुमेह की देखभाल
यदि आपको मधुमेह है, तो अपने हाथों और पैरों की नियमित रूप से जाँच करें ताकि कोई खरोंच, कट, या लालिमा, सूजन और तरल पदार्थ का स्त्राव हो। साल में कम से कम एक बार डॉक्टर से अपने हाथों और पैरों की जांच करवाएं और कोशिश करें कि आपका शुगर लेवल कंट्रोल में रहे।

संक्रमण को रोकने की कोशिश करें:
अगर आपकी त्वचा पर किसी तरह का घाव है तो उसे माइल्ड साबुन से धोकर साफ रखें। घाव ठीक होने तक उनकी देखभाल की जानी चाहिए।

शरीर के तापमान को ध्यान में रखा जाना चाहिए:
शीतदंश (frostbite ) से ग्रस्त त्वचा में गैंग्रीन संक्रमण हो सकता है, क्योंकि यह प्रभावित क्षेत्र में रक्त के प्रवाह को कम करता है। अगर आपको लगता है कि शरीर का कोई हिस्सा सख्त, पीला और सुन्न हो गया है या लंबे समय से अत्यधिक ठंड या बर्फ के संपर्क में है, तो जल्द से जल्द डॉक्टर की मदद लें।
गैंग्रीन होने की वजह से कई बार अंग खाने की नौबत भी आ जाती है | इसलिए जितनी जल्द हो सके इलाज शुरू कर दे |

FAQ

Q: शुगर गैंग्रीन

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