दोस्तों आपने स्पाइडर मेन फिल्म ज़रूर देखी होगी ., जिसमे पार्क पीटरसन जब अपने हाथ को स्टाइल से मोड़ता है तो उसमे से मकडी के जले निकलते है .| अब आप कहेंगे की हम यहाँ म्युटेशन की जगह स्पाइडर मेन की बात कर रहे हैं | म्युटेशन को समझने के लिए यह एक बढ़िया उदाहरण है | अगर आपने फिल्म देखी होगी तो आप जानते होंगे की एक साधारण से लड़के में अचानक से सुपर पॉवर आ जाते है | और यह सुपर पॉवर उसमे आते है एक मकडी के काटने से| और इस मकडी के काटने से पीटर के डीएनए (DNA ) का सीक्वेंस (Sequence ) एक दम से बदल जाता है | और जिसकी वजह से उसके शरीर में अचानक से कई परिवर्तन आ जाते है | तो इस प्रोसेस को ही म्युटेशन (Mutation ) कहा जाता है ….साधारण भाषा में हम कह सकते है की जब किसी जीन के डीएनए (DNA ) में अचानक से कोई स्थायी परिवर्तन होता है , तो उसे उत्परिवर्तन (Mutation )कहा जाता है | यह कोशिकाओ के विभाजन के समय किसी दोष की वजह से पैदा हो सकता है या फिर पराबैगनी विकिरण ( Ultraviolet rays ) की वजह से या रासायनिक तत्व या वायरस की वजह से भी हो सकता है |
चलिए अब इसको थोडा विस्तार से समझने की कोशिश करते हैं |
उत्परिवर्तन (Mutation ) को समझने के लिए ज़रूरी है की पहले जीन और डीएनए को समझा जाए | एक जीन (Gene ) डीएनए (DNA ) नामक एक बड़े अणु (Molecule ) का एक छोटा सा हिस्सा है जो प्रोटीन के निर्माण को प्रेरित करता है। किसी भी जीव में मौजूद डीएनए को उस जीव का जीनोम (Genome ) भी कहा जाता है |
हमारी बॉडी सेल्स से मिलकर बनी हुई है …और सेल्स में होता है न्यूक्लियस (Nucleus ) …….और न्यूक्लियस में होते है क्रोमोसोम्स (Chromosoms ) …….हमारे हर एक सेल्स के न्यूक्लियस में 46 क्रोमोसोम्स होते है | इसे हम 23 का जोड़ा (pair ) भी कह सकते हैं |हर एक क्रोमोसोम्स डीएनए और प्रोटीन से मिलकर बना हुआ है | यह आपकी बॉडी का सबसे महत्वपूर्ण भाग है , क्यूंकि क्रोमोसोम्स से ही डीएनए बनेगा , फिर इससे RNA बनेगा फिर उससे प्रोटीन बनेगा और प्रोटीन ही निर्णय करता है की आपका कौन सा अंग कौन सा काम करेगा | लेकिन इसके बावजूद आपके शरीर में हर भाग में एक जैसा डीएनए होता है | डीएनए जीन से मिलकर बना होता है , जीन डीएनए का वो हिस्सा होता है जो की एक पूर्ण RNA को जन्म दे सकता है | असल में हमारे शरीर के हर भाग में एक जैसा डीएनए होता है . लेकिन किस अंग में कौन सा जीन ज्यादा एक्टिव है उसी से निर्णय होता है की वो अंग किस तरह व्यबहार करेगा | अब अगर इस डीएनए में कुछ भी परिवर्तन हो जाए तो उस घटना को उत्परिवर्तन ( Mutation ) कहा जाता है | इस तरह हम कह सकते है की अगर बॉडी के डीएनए की संख्या और संरचना में किसी भी तरह का कोई परिवर्तन हो जाए तो उसे उत्परिवर्तन ( Mutation ) कहा जाता है |
mutation होती क्यों है ( Why mutation happens ? )
जिन चीजों की वजह से इंसानों या पेड़ पौधों या जानवरों में उत्परिवर्तन ( mutation ) होता है , उन्हें mutagen कहा जाता है | mutagen दो प्रकार के होते है |
भौतिक (Physical )
रासायनिक (Chemical )
भौतिक mutagen ,में आती है अल्ट्रावायलेट रेज (Ultraviolet rays ) , gamma rays – यह किरने आपके शरीर में पहुंचकर आपके सेल्स के क्रोमोसोम्स को नष्ट कर देती है , जिससे कैंसर की सेल का निर्माण होता है |
रसायनिक mutagen – यह वो रसायन होते है जो की आपके शरीर में पहुंचकर आपकी सेल्स को परिवर्तित कर देते है | जैसे की तम्बाकू या सिगरेट से होने वाला उत्परिवर्तन
उत्परिवर्तन ( mutation ) कितने प्रकार का होता है ? (How many types of mutation are there ? )
उत्परिवर्तन (Mutation ) तीन प्रकार का होता है
Genomatic
Chromosomal
Gene
अब पहले बात करते है Gemomatic की – तो यह तो हम आपको बता ही चुके है की हमारे सेल्स में क्रोमोसोम्स के 23 जोड़े होते है | और अगर किसी कारण वश क्रोमोसोम्स की संख्या गड़बड़ा जाए , ययानी 23 के जोड़े से ज्यादा क्रोमोसोम बन जाए तो उसे Genomatic mutation कहते है | यह म्युटेशन पेड़ पौधों में देखने को मिलता है , इंसानों में यह मुमकिन नहीं है |
Chromosomal mutation –
अगर सेल के अंदर क्रोमोसोम किसी वजह से टूट जाए , तो यह Chromosomal mutation की वजह से होता है |यहाँ क्रोमोसोम की संख्या में परिवर्तन नहीं होता , बल्कि क्रोमोसोम की क्वालिटी खराब हो जाती है |क्रोमोसोम की संरचना खराब हो जाएगी , उसका आकार बदल सकता है |
Gene Mutatation –
जीन की संरचना में बदलाव होने की वजह से होने वाले उत्परिवर्तन को Gene Mutatation कहा जाता है | यह जीन के अन्दर मौजूद कोडेड जानकारी को भी बदल सकता है | आमतौर पर यह क्षारकों के उत्क्रमण के कारण उत्पन्न होता है और यह कई तरह का होता है जैसे –
(i) प्रतिस्थापन (Substitution ) : इसमें DNA अणु के एक या अधिक क्षार युग्मों को अन्य क्षार युग्मों से प्रतिस्थापित किया जाता है। इन्हें आधार युग्म प्रतिस्थापन (base pair substitution ) भी कहा जाता है।
इस प्रकार के उत्परिवर्तन के परिणामस्वरूप सिकल सेल एनीमिया होता है। यह 2 प्रकार का होता है –
संक्रमण (Transition ) – प्यूरीन बेस को प्यूरीन से बदलना।
अनुप्रस्थ (Transversion)- पाइरीमिडीन के साथ प्यूरीन का प्रतिस्थापन या प्यूरिन के साथ पाइरीमिडीन का प्रतिस्थापन।
(ii) विलोपन (Deletion ) – न्यूक्लियोटाइड श्रृंखला से एक या कुछ क्षारों की हानि को विलोपन कहा जाता है। इसमें पढ़ने का पूरा फ्रेम बदल जाता है। इसे फ्रेम शिफ्ट म्यूटेशन भी कहा जाता है।
(iii) जोड़ या सम्मिलन (Addition or Insertion ) – एक न्यूक्लियोटाइड श्रृंखला में एक या एक से अधिक आधारों को जोड़ने को सम्मिलन कहा जाता है। इसे फ्रेमशिफ्ट म्यूटेशन भी कहा जाता है क्योंकि यह रीडिंग फ्रेम को भी बदल देता है।
प्रतिस्थापन प्रकार के उत्परिवर्तन में, यदि सामान्य आधार के प्रतिस्थापन कोडन को एक समाप्ति कोडन द्वारा प्रतिस्थापित किया जाता है, तो यह प्रोटीन संश्लेषण को रोकता है। इसे नॉन सेंस म्यूटेशन कहा जाता है।
किसी जीन में केवल एक आधार का विलोपन/सम्मिलन या प्रतिस्थापन बिंदु-उत्परिवर्तन ( Point Mutation ) कहलाता है।
तो उम्मीद है अब आप उत्परिवर्तन को अच्छी तरह समझ गए होगे , अगर इससे जुड़े सवाल है तो हमें कमेन्ट करे हम आपके सवालो के जवाब देने की कोशिश करेंगे |