सूर्य ग्रहण क्या है ? What is Solar Eclipse?

0

बच्चो क्या आपने कभी दिन में रात का अनुभव किया है ?

कभी अचानक सूरज को अँधेरे में गुम होते देखा है ?

और फिर धीरे धीरे फिर से प्रकट होते देखा है ?

यह सब होता है सूर्य ग्रहण के समय |

आप सभी यह तो जानते हैं कि पृथ्वी सूर्य के चारों और परिक्रमा करती है और इसके साथ ही अपनी धुरी पर भी घूमती है | चंद्रमा हमारी प्रथ्वी का उपग्रह है और वह हमारी पृथ्वी की परिक्रमा करता है | सूर्य ग्रहण तब होता है जब चंद्रमा  गति करते हुए पृथ्वी और सूर्य के बीच आ जाता है। जब ऐसा होता है, चंद्रमा सूर्य से प्रकाश को धीरे-धीरे बाहर ढँक  है। यदि सूर्य और चंद्रमा पूरी तरह से आकाश में एक पंक्ति में हैं, तो हम इसे पूर्ण सूर्य ग्रहण कहते हैं। इस समय सूरज पूरी तरह छुप जाता है और कुछ समय के लिए दिन में रात का आभास होता है | कभी कभी इस समय आप सितारों को भी देख सकते हैं | यह ग्रहण एक साथ पूरी प्रथ्वी पर दिखाई नहीं देता केवल उस क्षेत्र में प्रभावी होता है जहाँ चंद्रमा सूर्य और प्रथ्वी के मध्य होता है |

पूर्ण  सूर्य ग्रहण देखना बहुत ही दुर्लभ है। अधिकांश लोग अपने जीवनकाल में सिर्फ एक बार ही पूर्ण सूर्य ग्रहण देख पाते हैं |

 अगर आकर की बात करें तो  चंद्रमा सूर्य से 400 गुना छोटा है, लेकिन यह पृथ्वी से भी 400 गुना करीब है। इसका मतलब है कि चंद्रमा और सूर्य हमारे आकाश में बिल्कुल एक जैसे दिखाई देते हैं ! हैं न रोचक बात !

इसलिए, जब चंद्रमा सूर्य के सामने पूरी तरह से आ  जाता है, तो यह सूर्य के सभी प्रकाश को रोक देता है। सूर्य की ओर देखते हुए हम एक काले घेरे को देखते हैं, जिसे अक्सर ‘आकाश में छेद’ के रूप में वर्णित किया जाता है, जो कि सफ़ेद प्रकाश की एक अंगूठी से घिरा होता है। यह सफेद रोशनी सूर्य का वातावरण है, जिसे कोरोना कहा जाता है।

इतना छोटा चाँद कैसे सूरज के  प्रकाश को रोक सकता है –

अब आप कहेंगे कि अगर चाँद सूरज से इतना छोटा है तो वो सूरज की रोशनी को कैसे रोक सकता है | तो चलो एक छोटा सा प्रयोग करते हैं |

तेज़ धूप में अगर हम आँखे खोलते है तो सूरज की तेज़ धूप हमारी आँखों को चुभती है जिससे बचने के लिए हम आँखों पर अपने हाथ रख लेते हैं | अब सूरज की इतनी सारी रोशनी हमारे हाथ से कैसे रुक जाती है |

सूर्य आपके हाथ से बहुत बड़ा है, लेकिन आपका हाथ आपके बहुत करीब है इसलिए आप सभी प्रकाश को आसानी से रोक सकते हैं|

रोचक तथ्य

एक सूर्य ग्रहण हमेशा चन्द्र ग्रहण से एक दो सप्ताह पहले अथवा इसके एक दो सप्ताह बाद घटित होता है |

सूर्य ग्रहण के प्रकार –

आंशिक या खंडग्रास सूर्य ग्रहण ( Partial Solar Eclipse )

यह  ग्रहण सबसे कम प्रभावशाली है, लेकिन सबसे आम भी है – और हर प्रकार के सूर्य ग्रहण की घटना का एक हिस्सा। आंशिक रूप से सूर्य ग्रहण के दौरान, चंद्रमा सूर्य से एक हिस्से को ढँक लेता है  | इससे एक स्माइली फेस जैसा आकर निर्मित हो जाता है | इस घटना में कभी भी पूरी तरह अँधेरा नहीं होता |

वलयाकार कंगन सूर्यग्रहण (Annular Solar Eclipse)

वलयाकार सूर्यग्रहण  में चन्द्रमा पृथ्वी से बहुत दूर रहते हुए भी सूर्य और पृथ्वी के मध्य आ जाता है इस कारण सूर्य का मध्य भाग चन्द्रमा की छाया से ढँक जाता है | और पृथ्वी से देखने पर सूर्य का मध्य भाग अंधकारमय दिखाई देता है | और बाहर का क्षेत्र प्रकाशमय दिखाई देता है | इसके फलस्वरूप एक कंगन जैसा आकर बन जाता है | कंगन या वलय जैसे आकर के कारण ही इसे  वलयाकार  सूर्यग्रहण कहलाता है |

पूर्ण सूर्यग्रहण ( Total Solar Eclipse)

उत्तरी अमरीका में घटित  पूर्ण सुर्य ग्रहण का दृश्य



उत्तरी अमरीका में घटित  पूर्ण सुर्य ग्रहण का दृश्य

जब चाँद सूरज को पूरी तरह ढँक लेता है तो इस घटना को पूर्ण सूर्य ग्रहण कहते है | पूर्ण सूर्य ग्रहण केवल प्रथ्वी के कुछ क्षेत्र में ही दिखाई देता है | लगभग 250 किमी के संपर्क क्षेत्र में | चाँद सूरज को पूरी तरह अधिकतम सात मिनट तक के लिए ढँक सकता है | इससे कुछ समय के लिए अँधेरा हो जाता है और दिन में रात का आभास होता है |

सूर्य ग्रहण को देखते समय सावधानी –

सूर्य की यूवी विकिरण आँखों में रेटिना को जला सकती है जिससे स्थायी क्षति या अंधापन हो सकता है। यह तब भी हो सकता है जब आपकी आँखें कुछ ही सेकंड के लिए सीधे सूर्य के प्रकाश के संपर्क में हों।

नासा के अनुसार, सूर्य ग्रहण देखने के लिए कभी भी निम्न सामग्रियों का उपयोग नहीं किया जाना चाहिए:

  • किसी भी तरह का धूप का चश्मा
  • रंगीन  फिल्म
  • मेडिकल एक्स-रे फिल्म
  • स्मोक्ड ग्लास
  • फ्लॉपी डिस्क

सूर्य को सुरक्षित रूप से देखने का  तरीका  – है।  (What is the safest way to observe a solar eclipse?)

  • सौर फ़िल्टर या सौर चश्मे  – यह सूर्य ग्रहण को देखने के लिए विशेष प्रकार से तैयार किये जाते हैं | उपयोग करने से पहले अपने सौर फिल्टर या सौर चश्मे का निरीक्षण करें। सुनिश्चित करें कि लेंस में कोई छेद नहीं हैं या किसी भी तरह से क्षतिग्रस्त  नहीं हैं।
  • यदि  चश्मा पहनते हैं, तो भी ग्रहण देखने के लिए उन पर सौर चश्मा पहनें।

सूर्य से नज़र हटाने  के बाद ही अपना सोलर फिल्टर या चश्मा हटाएं।

  • केवल सौर फिल्टर या चश्मे का उपयोग करें जो आईएसओ 1231-2 अंतरराष्ट्रीय सुरक्षा मानकों को पूरा करते हो – 

2020 में सूर्य ग्रहण – (Solar Eclipse 2020)

21  जून 2020  को प्रथम सूर्यग्रहण –

वर्ष 2020 का पहला सूर्य ग्रहण 21 जून को अफ्रीका के कुछ हिस्सों (मध्य अफ्रीकी गणराज्य, कांगो और इथियोपिया), पाकिस्तान, उत्तरी भारत और चीन के दक्षिण में देखा गया था । ग्रहण सुबह 9:15 बजे से दोपहर 3:04 बजे तक था |

14 दिसंबर –15 दिसंबर को पूर्ण  सूर्य ग्रहण –

पूर्ण  सूर्य ग्रहण के दौरान, चंद्रमा सूर्य को पूरी तरह से ढँक लेता है | यह सूर्य ग्रहण वर्ष 2020 के लिए अंतिम होगा और 14 दिसंबर को शाम 7:03 बजे से 12:23 बजे के बीच दिखाई देगा। इस खगोलीय घटना को चिली और अर्जेंटीना के कुछ हिस्सों से देखा जा सकता है। यदि मौसम सही रहा , तो इसे आंशिक रूप से दक्षिणी दक्षिण अमेरिका, दक्षिण-पश्चिम अफ्रीका और अंटार्कटिका से देखा जा सकता है।

सौर ग्रहण को लेकर प्रचलित भ्रांतियां –( Myths about Solar Eclipse )

सौर ग्रहण को लेकर हमारे समाज में कई भ्रांतियां है जैसे सौर ग्रहण देखने से अपशगुन होता है , अगर खाने के सामान पर सौर ग्रहण की किरने पड़े तो वो ज़हरीला हो जाता है ,या  गर्भवती महिला को इसकी किरणों से नुक्सान हो सकता  है |

सौर ग्रहण एक प्राक्रतिक क्रिया है और इन सब अन्धविश्वासो से इसका कुछ लेना देना नहीं है |

इसलिए बच्चो  अपने घर के बड़े लोगो की भ्रांतियों को दूर कर उन्हें सूर्य ग्रहण की वास्तविकता समझाइये |

1 Comment
  1. Reply
    What is Great Conjunction ? How can we observe it ? - scienceshala.com December 14, 2020 at 4:46 am

    […] क्या है Solar Eclipse […]

Leave a reply

Captcha

ScienceShala
Logo
Enable registration in settings - general