चीन का यह अद्वितीय विशाल टेलिस्कोप

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PINGTANG, March 29, 2021 -- Aerial photo taken on March 29, 2021 shows China's Five-hundred-meter Aperture Spherical Radio Telescope FAST under maintenance in southwest China's Guizhou Province. China's FAST officially opened to the world starting Wednesday. (Photo by Ou Dongqu/Xinhua via Getty) (Xinhua/Ou Dongqu via Getty Images)

आपक्या सोचते हैं, दुनिया के विभिन्न हिस्सों में होने वाले दूरबीनों का महत्व? क्या आपने कभी सोचा है कि ये दूरबीनें कैसे काम करती हैं और हमारे खगोल विज्ञान में कैसे मदद करती हैं? आइए, हम एक रोमांचक यात्रा पर निकलें और चीन के नवाचित वाइड फील्ड सर्वे टेलीस्कोप के साथ खगोल विज्ञान की दुनिया में एक नया मोड़ देखें।

खगोल विज्ञान का महत्व

खगोल विज्ञान की एक अलग ही दुनिया है, जिसमें हम ब्रह्मांड के रहस्यों की खोज करते हैं और उसके रहस्यों को सुलझाने का प्रयास करते हैं। इसके लिए हमें बहुत बड़े और उच्च-संवेदनशील दूरबीनों की आवश्यकता होती है, जो ब्रह्मांड के दूरस्थ तथा नक्षत्रों के साथ होने वाली घटनाओं को अध्ययन करने में हमारी मदद करते हैं।

चीन का नवाचित वाइड फील्ड सर्वे टेलीस्कोप

चीन ने हाल ही में एक ऐसे दूरबीन का आविष्कार किया है जिसका उपयोग उत्तरी गोलार्ध में खगोल विज्ञान के क्षेत्र में किया जाएगा। इस दूरबीन का नाम है “वाइड फील्ड सर्वे टेलीस्कोप (WFST)” और यह ब्रह्मांड की गहराइयों में देखने का सबसे बड़ा टेलीस्कोप होगा। WFST में 2.5 मीटर का प्राथमिक दर्पण होगा, जो खगोल घटनाओं को दृश्य प्रदान करने के लिए बहुत व्यापक होगा।

खगोल विज्ञान के लिए एक नया मोड़

इस दूरबीन का मूल उद्देश्य खगोलीय घटनाओं की जांच और निरीक्षण करना है, जिससे हम ब्रह्मांड के रहस्यों को समझ सकें। इसके साथ ही, इससे खगोलीय अवलोकन अनुसंधान कार्य भी समय पर हो सकेंगे, और हम आकाशगंगा में आकाशगंगा समूहों और दूर की आकाशगंगाओं से आने वाले हल्के संकेतों को भी पहचान सकेंगे।

अंतरिक्षीय निरीक्षण के लिए आदर्श स्थल

इस दूरबीन की योजना में कुल 12 दूरबीनों का शामिल है, और इसके निर्माण के लिए चीन सरकार ने भारी निवेश किया है। जब यह पूरी तरह से तैयार हो जाएगा, तो यह एशिया की सबसे बड़ी खगोलीय दूरबीन होगा।

उत्तरी गोलार्ध में सबसे बड़ी दूरबीन चीन का वाइड फील्ड सर्वे

टेलीस्कोप इस महीने काम करना शुरू कर देगा और यह उत्तरी गोलार्ध में सबसे बड़ा टेलीस्कोप होगा। WFST में 2.5 मीटर का प्राथमिक दर्पण मुख्य फोकस कैमरा होगा जो बहुत व्यापक क्षेत्र का दृश्य प्रदान करने में सक्षम होगा। चीन के चाइना ग्लोबल टेलीविज़न नेटवर्क के मुताबिक, फिलहाल इसका इंजीनियरिंग और ऑब्जर्वेशन टेस्ट चल रहा है।

आपकी खासियत क्या है?

डब्ल्यूएफएसटी का मूल वैज्ञानिक उद्देश्य खगोलीय घटनाओं की जांच और निरीक्षण करना है। साथ ही खगोलीय अवलोकन अनुसंधान कार्य भी समय पर हो सकेंगे। इससे शोधकर्ताओं को हमारी आकाशगंगा में आकाशगंगा समूहों और दूर की आकाशगंगाओं से आने वाले हल्के संकेतों को भी पहचानने और उनका अध्ययन करने का अवसर मिलेगा।

निर्माण में चार साल लगे

यह दूरबीन उत्तर-पश्चिमी चीन के किंघई प्रांत में लेंघू खगोलीय अवलोकन बेस पर स्थापित की गई थी। इसका निर्माण जुलाई 2019 में चीन के विज्ञान और प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय और पर्पल माउंटेन ऑब्जर्वेटरी (पीएमओ) द्वारा शुरू किया गया था। पीएमओ के किंघई स्टेशन का कहना है कि इसके सितंबर के मध्य में शुरू होने की संभावना है।

ऊंचाई पर होने का फायदा

यह बेस 4,000 मीटर की ऊंचाई पर बनाया गया था ताकि अंतरिक्ष से सिग्नल आसपास के वातावरण के हस्तक्षेप से प्रभावित हुए बिना दूरबीन तक पहुंच सकें। इस ऊंचाई के कारण, इस वेधशाला में अंतरिक्ष अवलोकन के लिए अबाधित दृश्य, स्थिर वायुमंडलीय स्थितियां, शुष्क मौसम और न्यूनतम कृत्रिम प्रकाश प्रदूषण होगा।

कुल 12 दूरबीनों की योजना बनाई गई है

अपनी स्थितियों के कारण यह वेधशाला यूरेशियन महाद्वीप पर सर्वश्रेष्ठ अवलोकन स्थल के रूप में पहचानी जाएगी। 2017 से इस वेधशाला में कुल 12 दूरबीन परियोजनाएं निर्माणाधीन हैं और चीनी सरकार ने 2.7 बिलियन युआन यानी 370 अमेरिकी डॉलर का भारी निवेश किया है। पूरा होने पर यह एशिया की सबसे बड़ी खगोलीय वेधशाला होगी। किस तरह के अवलोकन इस वेधशाला के माध्यम से बदलते ब्रह्मांड की उच्चतम संवेदनशीलता के साथ उत्तरी आकाश का सर्वेक्षण किया जाएगा, जिसमें कई टाइम-डोमेन घटनाएं जैसे सुपरनोवा, ज्वारीय व्यवधान घटनाएं, बहु-संदेशवाहक घटनाएं आदि का अवलोकन और अध्ययन किया जाएगा।

इससे सौर मंडल में दस लाख वस्तुओं का विशेष तरीके से अवलोकन किया जा सकेगा और कुइपर बेल्ट और उससे आगे के ग्रहों और चंद्रमाओं की खोज की जा सकेगी।इसके अलावा, इस वेधशाला की उच्च-संवेदनशीलता दूरबीन के माध्यम से आकाशगंगा और उसके आसपास के ब्रह्मांड में वस्तुओं की एक बहुत सटीक फोटोमेट्रिक और एस्ट्रोमेट्रिक सूची बनाई जाएगी। इस वेधशाला में टाइम डोमेन सर्वेक्षण तकनीक के उपयोग से दूर स्थित छोटी वस्तुओं का निरीक्षण करना भी संभव हो जाएगा, जिन्हें सामान्य प्रौद्योगिकी दूरबीनों द्वारा नहीं पकड़ा जा सकता है या वे बहुत छोटी और धुंधली वस्तुओं के रूप में दिखाई देती हैं।

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