कंप्यूटर का जनक किसे कहा जाता है ( computer ka janak kise kaha jaata hai ?)

0

कंप्यूटर का जनक किसे कहा जाता है
कंप्यूटर आज हमारी जिंदगी का एक बहुत ही महत्वपूर्ण हिस्सा बन चुका है , आज ऐसा कोई फील्ड नही जहां कंप्यूटर का उपयोग न किया जाता हो | लेकिन क्या अप जानते है की कंप्यूटर की खोज किसने की थी |
वैसे तो कंप्यूटर का निर्माण किसी एक शख्स ने के जिनमे नही किया यह एक बहुत ही लंबी प्रक्रिया रहे है , कई वर्षो तक लगातार विकास के दौर से गुजरने के बाद हमे एक ऐसा उपकरण मिला जिसे आज हम कंप्यूटर के नाम से जानते है |
लेकिन अगर बात की जाए की कंप्यूटर जैसी मशीन बनाने का आइडिया आखिर किसके दिमाग में आया था , जो पहला नाम सभी को याद आता है वो है चार्ल्स बेबेज , जिन्हे पूरी दुनिया कंप्यूटर के जनक ” Father of computer ” के नाम से जानती है |
गणितज्ञ और आविष्कारक, चार्ल्स बैबेज ने सबसे पहले एक इलेक्ट्रॉनिक कंप्यूटर का आविष्कार किया जिसे दुनिया का पहला कंप्यूटर माना जाता है।लेकिन कई लोग यह भी मानते हैं कि अबेकस, जिसे टिम क्रैनमर ने 1622 में बनाया था, दुनिया का पहला कंप्यूटर था। लेकिन आज हम जिस कंप्यूटर का इस्तेमाल कर रहे हैं वह चार्ल्स बैबेज के प्रयासों से ही संभव हो पाया है।वैसे तो कंप्यूटर के क्षेत्र में कई वैज्ञानिकों ने अपनी भूमिका दी है जैसे पर्सनल कंप्यूटर का आविष्कार जॉन ब्लैंकेनबेकर ने किया जबकि लैपटॉप का आविष्कार एडम ओसबोर्न ने किया।लेकिन कंप्यूटर बनाने की प्रक्रिया चार्ल्स बैबेज ने शुरू की थी। इसीलिए उन्हें कंप्यूटर का जनक भी कहा जाता है|


कंप्यूटर बनाने की शुरुआत चार्ल्स बैबेज ने 1830 के समय में की थी। उन्होंने एक एनालिटिकल इंजन बनाने की योजना बनाई थी जो कंप्यूटर के क्षेत्र में एक शुरुआत थी।फिर उन्होंने इस डिवाइस के लिए काम करना शुरू किया और 1822 में उन्होंने डिफरेंस इंजन का आविष्कार किया, जिसे पहला प्रोग्रामेबल कंप्यूटर माना जाता है।1833 में, चार्ल्स बैबेज ने एनालिटिकल इंजन का आविष्कार किया, जो एक सामान्य प्रयोजन का कंप्यूटर था, लेकिन पैसे की कमी के कारण, वह इस काम को पूरा नहीं कर सका। 1871 में चार्ल्स बैबेज की मृत्यु हो गई।इसके बाद 40 साल बाद 1888 में चार्ल्स बैबेज के बेटे हेनरी बैबेज ने इस काम को पूरा किया। एनालिटिकल इंजन हर तरह की कैलकुलेशन करता था।एबीसी ABC(एटानासॉफ-बेरी कंप्यूटर) का आविष्कार जॉन विंसेंट एटानासॉफ और क्लिफोर्ड बेरी ने 1937 में किया था जिसका उपयोग कई गणना करने के लिए किया जाता था।फिर 1938 में पहला प्रोग्रामेबल कंप्यूटर z1 नाम से बनाया गया जिसे कोनराड ज़ूस ने डिजाइन किया था।दुनिया का पहला इलेक्ट्रॉनिक कंप्यूटर ENIAC (इलेक्ट्रॉनिक न्यूमेरिकल इंटीग्रेटर एंड कंप्यूटर) का आविष्कार जे. प्रेस्पर एकर्ट और जॉन मौचली ने 1945 में किया था।फिर 23 दिसंबर 1947 को ट्रांजिस्टर का आविष्कार विलियम शॉक्ले, जॉन बार्डीन और वाल्टर हाउसर ब्रेटेन ने किया, जो कंप्यूटर के क्षेत्र में बहुत उपयोगी साबित हुआ। ट्रांजिस्टर के आने के बाद कंप्यूटर के आकार में काफी बदलाव आने लगे।कंप्यूटर को रखने के लिए एक पूरे कमरे की जरूरत थी, ट्रांजिस्टर के आविष्कार के बाद उस कंप्यूटर का आकार भी कम कर दिया गया जिसे आसानी से संभाला जा सकता था।दुनिया का पहला पर्सनल कंप्यूटर, Altair 8800 एड रॉबर्ट द्वारा 1975 में पेश किया गया था, लेकिन कई लोगों द्वारा 1971 में लॉन्च किया गया Kenbak-I कंप्यूटर, दुनिया का पहला पर्सनल कंप्यूटर माना जाता है।इस कंप्यूटर के लॉन्च के साथ ही कंप्यूटर क्षेत्र में एक नया पर्सनल कंप्यूटर लॉन्च हुआ, जिसे आज हम पीसी को शॉर्ट-फॉर्म में कहते हैं |क्योंकि कंप्यूटर का आकार बड़ा था और इसे एक जगह से दूसरी जगह नहीं ले जाया जा सकता था और न ही बिजली के बिना इस्तेमाल किया जा सकता था, इस कमी को पूरा करने के लिए एडम ओसबोर्न ने 1981 में पहले लैपटॉप का आविष्कार किया था। लैपटॉप के लिए अलग से बहुत सारे तारे को जोड़ने की आवश्यकता नहीं थी, लेकिन इसमें पहले से ही टचपैड, कीबोर्ड, माउस, स्पीकर, माइक्रोफोन की सभी विशेषताएं मौजूद थीं। इसलिए बाजार में लॉन्च होते ही इसने काफी सफलता हासिल की।

जब इसे पहली बार बाजार में उतारा गया था, तब लैपटॉप की कीमत 795 डॉलर थी। लेकिन इसकी ऊंची कीमत के बाद भी यह लोगो की पहली पसंद बन गया |


दोस्तो जब भी कंप्यूटर के जनक का नाम आता है तो उसमे हमेशा केवल चार्ल्स बेबेज़ का ही नाम सुना जाता है , लेकिन क्या आप जानते है की कंप्यूटर की माता कौन है | कंप्यूटर की माता होने का खिताब जाता है एडा लवलेस (Ada lovelace ) के नाम | यह चार्ल्स बेबेज़ के साथ काम करती थी और और गणितज्ञ और लेखिका थी | यह वो पहली इंसान थी जिन्हें चार्ल्स बेबेज़ के द्वारा बनाई गई मशीन की क्षमताओं को समझा | इन्हे दुनिया की पहली कंप्यूटर प्रोग्रामर भी कहा जाता है |

We will be happy to hear your thoughts

Leave a reply

ScienceShala
Logo
Register New Account
Reset Password