Dart Mission: ऐस्टरॉइड से टक्कर के लिए रवाना हुआ NASA का अंतरिक्षयान, धरती की रक्षा के खुलेंगे रास्ते
वॉशिंगटन
अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा अंतरिक्ष में ऐस्टरॉइड से टक्कर के लिए अपने अंतरिक्षयान को रवाना कर दिया है। नासा का यह डार्ट मिशन भविष्य में धरती की ओर रहे खतरनाक ऐस्टरॉइड को तबाह करने का तरीका बताएगा। इस मिशन के जरिए नासा यह भी जानने का प्रयास करेगी कि किसी विशाल आसमानी चट्टान को उसके रास्ते से हटाना कितना कठिन है। इस स्पेसक्राफ्ट को अरबपति एलन मस्क के रॉकेट फाल्कॉन 9 से अंतरिक्ष में भेजा गया है।
यह अंतरिक्ष यान बुधवार को कैलिफोर्निया से डाइमोरफोस ऐस्टरॉइड से टक्कर के लिए रवाना हुआ। यह किसी ऐस्टरॉइड का रास्ता बदलने का पहला प्रयास है। हालांकि डाइमोरफोस ऐस्टरॉइड से धरती को कोई खतरा नहीं है। डार्ट को डबल ऐस्टरॉइड रिडॉयरेक्शन टेस्ट के लिए बनाया गया है। दरअसल, हर दिन रेफ्रिजरेटर से लेकर कार तक के छोटे-बड़े कई ऐस्टरॉइड हमारी धरती की कक्षा में प्रवेश करते हैं। इनमें से अधिकतर वायुमंडल के घर्षण के कारण नष्ट हो जाते हैं। हालांकि, अंतरिक्ष में कई ऐसे ऐस्टरॉइड अब भी मौजूद हैं, जिनसे धरती को खतरा हो सकता है।
DART मिशन का उद्देश्य क्या है
अंतरिक्ष यान डिमोर्फोस नामक एक छोटे ऐस्टरॉइड से टकराने जा रहा है। यह एक बड़े ऐस्टरॉइड डिडिमोस की परिक्रमा कर रहा है। डार्ट के टरकाने वाले ऐस्टरॉइड की लंबाई 169 मीटर के आसपास है। वैज्ञानिकों को उम्मीद है कि इस टक्कर से ऐस्टरॉइड की दिशा और गति दोनों बदल जाएगी। हालांकि, यह ऐस्टरॉइड हमारी धरती के लिए कोई खतरा नहीं है। अगर यह प्रयोग सफल रहता है तो इससे नासा भविष्य में धरती की तरफ आने वाले खतरनाक ऐस्टरॉइड की दिशा को बदल सकता है।
डिमोर्फोस ऐस्टरॉइड के बारे में जाने
डॉर्ट अंतरिक्ष यान जिस ऐस्टरॉइड से टकराने वाला है, उसकानाम डिमोर्फोस है। यह हमारे सौर मंडल में घूम रहा धूल से भरा एक अंतरिक्ष चट्टान है। इसकी लंबाई 169 मीटर के आसपास और चौड़ाई आधा मील है। यह ऐस्टरॉइड अपने से बड़े एक दूसरे ऐस्टरॉइड डिडिमोस की परिक्रमा कर रहा है। 2022 के अंत में DART अंतरिक्ष यान स्वायत्त रूप से नेविगेट करने और डिमोर्फोस से टकराने के लिए तैयार होगा। उस समय यह ऐस्टरॉइड पृथ्वी से लगभग 7 मिलियन मील की दूरी पर होगा।
ऐस्टरॉइड के बारे में जाने
एस्टेरॉइड मंगल और बृहस्पति की कक्षा के मध्य सूर्य का चक्कर लगाने वाले चट्टान के बड़े आकार के टुकड़े होते हैं। कभी-कभी यह अपने रास्ते से भटक कर अन्य ग्रहों की कक्षाओं में चले आते हैं जिनका उन ग्रहों से टकराने का खतरा बना रहता है। हिना की अनुमानित संख्या 40000 के आसपास मानी जाती है इनकी उत्पत्ति ग्रहों के विस्फोट के फल स्वरुप टूटे हुए खंडों से हुई मानी जाती है। एस्टेरॉइड के बारे में और अधिक पढ़ने के लिए हमारे नीचे दिए गए लिंक पर क्लिक करें।