डॉ कमल रणदिवे | भारत की पहली महिला वैज्ञानिक जिन्हें आज का गूगल डूडल समर्पित किया गया है(Dr. Kamal Ranadive | India’s first woman scientist to be dedicated today’s Google Doodle)
आपने आज का गूगल डूडल ज़रूर देखा होगा जिसमे आपको एक महिला वैज्ञानिक नज़र आ रही होगी | लेकिन क्या आपको पता है की यह महिला वैज्ञानिक कौन है | यह जानकर आपको बहुत ख़ुशी होगी की वो महिला वैज्ञानिक हमारे देश की ही है | और वो है न देश की पहली महिला वैज्ञानिक कमल जय सिंह रणदिवे , 8 दिसम्बर को कमल रणदिवे का जन्म दिन है और इसी दिन को याद करने के लिए गूगल ने आज का डूडल उन्हें समर्पित किया है | कमल रणदिवे भारत की प्रथम सेल बायोलॉजिस्ट ( cell biologist ) और भारतीय बायो मेडिकल रिसर्चर (Indian Bio medical resercher ) थी , उनका जन्म 8 दिसंबर 1917 में पुणे भारत में हुआ था | उनके पिता ने उन्हें हमेशा चिकित्सा में क्षेत्र में काम करने के लिए प्रोत्साहित किया |कमल के पिता पुणे के फर्गंसन कोलेज में जीव विज्ञानं (Biology ) के प्रोफेसर थे | वो अपने सभी बच्चो की पढ़ाई के लिए बड़े चिंतित रहते थे, खासतौर पर लडकियों को लेकर उनके विचार थे की लडकियों को हमेशा अच्छी शिक्षा देनी चाहिए | वो चाहते थे की उनकी बेटी को ऐसी शिक्षा मिले जो देश की दूसरी महिलाओ के लिए पप्रेरणा का काम करे | कमल की प्रारम्भिक शिक्षा पुणे के कन्या विद्यालय हुज़ूर पागा में हुई | उनके पिता चाहते थे की वो दसवी के बाद मेडिकल की पढ़ाई करे | इसलिए उन्होंने फर्गंसन कोलेज से बॉटनी और जूलॉजी से बी.एस सी (B. Sc. ) की थी |
बचपन से ही कमल का झुकाव जीव विज्ञान (Biology ) की तरफ था | 1949 में उन्होंने सेल बायोलॉजी (Cell Biology ) में डोक्ट्रेड (P.Hd.) की मानक उपाधि दी गई |इस वक्त वो इंडियन कैंसर रिसर्च इंस्टिट्यूट (Indian Cancer Research Institute ) में काम कर रही थी | इसी साल इन्हें होपकिंस यूनिवर्सिटी USA से फ़ेलोशिप भी मिली | जब यह USA से लौट कर आई तो उन्होंने ICRC में एक सीनियर रिसर्चर की हैसियत से काम शुरू किया | और यही रहकर कैंसर के इलाज के लिए काफी काम किया |1960 के दशक में डॉ कमल ने ही देश में पहली टिश्यू कल्चर लेबोरेटरी (Tissue Culture Labratory ) की स्थापना कैंसर रिसर्च इंस्टिट्यूट (Cancer Research Institute ) में की | ख़ास तौर पर इनका जो काम था वो यह था की कैंसर का वायरस किस तरह से शरीर को प्रभावित करता है | इनकी जो एक और बड़ी उपलब्धी थी वो थी 1973 में , जब इन्होने इंडियन वीमेन साइंटिस्ट एसोसिएशन (Indian Women Scientist Asssociaition ) की स्थापना की | कैंसर अनुसंधान और विज्ञान के क्षेत्र में किए गए उनके कार्यो के चलते उन्हें पद्म भूषण से भी सम्मानित किया गया था | कमल रणदिवे ने शुरूआती दौर मे कैंसर पर कई शोध किए , स्तन कैंसर (Breast Cancer ) और अनुवांशिकता के बीच सम्बन्ध का प्रस्ताव रखने वाली वेह पहली महिला थी | इसके बाद इस बात की पुष्टि कई खोजकर्ताओं ने की |
कमल ने 1966 से 1970 तक भारतीय कैंसर अनुसन्धान (Indian Cancer Institute ) में निदेशक (Director ) के रूप में काम किया |1960 के दशक में ही उन्होंने अपने साथियों के साथ मिलकर टिश्यू कल्चर मीडिया (Tissue Culture Media ) और सम्बन्धित अभिकर्मको का विकास किया | 2001 में इस महान महिला वैज्ञानिक की मृत्यु हो गई | पर सेल बायोलॉजी में इनके किए गए कामो के लिए उन्हें हमेशा याद किया जाता रहेगा | 8 दिसम्बर को उनकी 104 वी जयंती के उपलक्ष्य में भारतीय महमान कलाकार (Indian Based Guest artist ) इब्राहीम रायिताकाथ (Ibrahim Rayintakath ) ने यह डूडल उन्हें समर्पित किया है | यह स्वास्थ्य और शिक्षा के क्षेत्र में किए गए उनके कामो के लिए एक सम्मान स्वरूप है | कमल रानादिबे ने हमेशा भारतीय छात्रों को देश वापस लौट कर काम करने के लिए प्रेरित किया था | 1989 में रिटायर होने के बाद उन्होंने देश की ग्रामीण इलाको में काफी काम किया | खासतौर पर महाराष्ट्र के ग्रामीण इलाको में घूम घूम कर महिलाओ को स्वस्थ सेवाओ को ट्रेनिंग देने में मदद की इसके अलावा उन्होंने देश की महिलाओ को सही पोषण और सही शिक्षा के लिए भी जागरूक किया | विज्ञान के क्षेत्र में उनके किए गए योगदान अविस्मरनीय है |