मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने राज्य में शासकीय क्षेत्र में फूड इररेडियेशन पार्क (खाद्य पदार्थों का किरणन) की स्थापना के लिए सैद्धांतिक सहमति दी है।उन्होंने शासन स्तर भाभा एटामिक रिसर्च सेंटर से छत्तीसगढ़ में गोबर से विद्युत उत्पादन तथा फूड इhररेडियेशन प्लांट की टेक्नालाजी हस्तांतरण के लिए से जा रही पहल पर प्रसन्नता जताते हुए कहा कि इससे राज्य के किसानों को उनके उत्पाद का और अधिक लाभ दिलाने में मदद मिलेगी।
मुख्यमंत्री बघेल ने सोमवार को अपने निवास कार्यालय में गोधन न्याय योजना के तहत गोबर विक्रेता पशुपालकों, गोठान समितियों एवं महिला स्व-सहायता समूहों को 3 करोड़ 93 लाख रुपये की राशि आनलाइन अंतरित करते हुए पशुपालकों, गोठान समितियों एवं समूह की महिलाओं को शुभकामनाएं दी। मुख्यमंत्री ने इस मौके पर गोठानों में आश्रित ग्रामों के पशुपालक ग्रामीणों से भी गोबर की खरीदी किए जाने के निर्देश दिए। मुख्यमंत्री ने इस मौके पर गोठानों में संचालित गतिविधियों की मॉनिटरिंग के लिए एनआइसी द्वारा विकसित गोठान मैप एप का भी शुभारंभ किया। इस अवसर पर कृषि मंत्री रविंद्र चौबे, पूर्व केंद्रीय मंत्री भक्त चरणदास, मुख्यमंत्री के सलाहकार प्रदीप शर्मा, खनिज विकास निगम के अध्यक्ष गिरीश देवांगन उपस्थित थे।
गोठानों से गोमाता की हो रही सेवा
मुख्यमंत्री ने कहा कि गांवों में गोठानों की स्थापना और गोधन न्याय योजना के माध्यम से राज्य में गौमाता की सेवा एवं संरक्षण का काम किया जा रहा है। गौमाता की सेवा पशुपालक, ग्रामीण किसान, चरवाहा, गोठान समिति से जुड़े सभी लोग कर रहे हैं। गोठानों में पशुओं के चारे एवं पानी का प्रबंध किया गया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि गोधन न्याय योजना के तहत गोबर बेचने का लाभ सभी गांव के पशुपालकों को मिले, इसके लिए गौठानों में आश्रित ग्रामों के लोगों से भी गोबर खरीदी की व्यवस्था सुनिश्चित की जानी चाहिए। गोठानों में पशुओं के चारे के लिए पैरादान की अपील उन्होंने किसानों से की। उन्होंने कृषि उत्पादन आयुक्त को सभी कलेक्टरों के माध्यम से पैरादान का अभियान वृहद पैमाने पर संचालित करने और किसानों के खेत से पैरा एकत्र कराए जाने के निर्देश दिए।
गोठानों से महिलाओं को हो रही आय
मुख्यमंत्री ने सभी गोठानों में कम से कम पांच प्रकार की आयमूलक गतिविधियां अनिवार्य रूप से शुरू कराए जाने के निर्देश दिए, ताकि गोठानों से जुड़ी महिला समूह की आय में वृद्धि हो सके। उन्होंने वनांचल इलाके के गोठानों में लघुवनोपजों के प्रसंस्करण एवं वैल्यु एडीशन के काम को प्राथमिकता से शुरू कराए जाने के निर्देश दिए। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य के गोठानों में उत्पादित वर्मी कम्पोस्ट एवं सुपर कम्पोस्ट का उपयोग राज्य के किसानों ने अपने खेतों में किया है।
कृषि उत्पादन आयुक्त डा. कमलप्रीत ने गोधन न्याय योजना की प्रगति की जानकारी दी। उन्होंने भाभा एटामिक रिसर्च सेंटर से छत्तीसगढ़ में गोबर से विद्युत उत्पादन एवं फूड इररेडियेशन प्लांट की तकनीकी हस्तांतरण की प्रगति के बारे में भी जानकारी दी। उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ राज्य में पहला फूड इररेडियेशन प्लांट शासन द्वारा स्थापित किया जाएगा। उन्होंने बताया कि फूड इररेडियेशन प्लांट की टेक्नालॉजी को अमेरिका, यूरोप के कई देशों में मान्यता दी है। छत्तीसगढ़ में स्थापित होने वाले फूड इररेडियेशन प्लांट की खाद्य सामग्री सीधे विदेशों को सप्लाई की जाएगी।