किसान ने खोजा “ solar on wheels “ जिससे कही भी किसी भी जगह पैदा की जा सकेगी बिजली |Farmer Innovates Solar on wheels to generate power anywhere
किसान ने खोजा “ solar on wheels “ जिससे कही भी किसी भी जगह पैदा की जा सकेगी बिजली |Farmer Innovates Solar on wheels to generate power anywhere
प्रदीप कुमार पेटावार गाँव हिसार हरियाणा के रहने वाले एक किसान ने एक ऐसा तरीका खोज निकाला हिया जिसकी मदद से किसी भी जगह बिजली पैदा की जा सकेगी | और साथ ही खेतो से सोलर पेनल ( Solar Panel ) चोरी होने की समस्या से भी निजात मिल सकेगी | उनकी कम्पनी TG solar pumps इस काम के लिए एक साल की मुफ्त सर्विसिंग की सेवा भी देती है |
आज कल शेहरों में बड़े बड़े घरो की छतो पर solar पेनल दिखना आम बात हो गई है ., बड़ते बिजली के दामो ने लोगो को solar पेनल की और आकर्षित किया है | और लोग आज कल अपने घरो में solar पेनल फिट करवा कर अपने लाखो के बिजली के बिल की बचत भी कर रहे है | लेकिन वही गाँवों में अज भी solar पेनल इतने अधिक पोपुलर नहीं है , वही खेतो में लगे solar पेनल असमाजिक तत्वों को अपनी और आकर्षित करते है | और अक्सर खेत में लगे solar पेनल को चोरी कर लिया जाता है |जिसकी वजह से किसानो को कई समस्याओ का सामना करना पड़ता है | प्रदीप कुमार का ध्यान जब इस समस्या पर गया तो उन्होंने इसका हल ढूँढने का ठान लिया |प्रदीप कुमार हिसार में ही सोलर पेनल इंस्टाल ( Solar Panel Installation ) का काम कर रहे थे | प्रदीप कुमार बताते है की 12 वी तक पढाई करने के बाद वो अपने माता पिता के साथ खेती से जुड़ना चाहते थे इसलिए उन्होंने पढ़ाई छोड़ दी , और खेती में पिता का हाथ बंटाने लगे | लेकिन 2009 में उन्होंने सरकार द्वारा संचालित सोलर पेनल ( Government Regarding Solar Panel ) का कोर्स किया | यह कोर्स “ The Better India “ स्कीम के अंतर्गत कारवाया गया था |
इस कोर्स को करने के बाद प्रदीप जी ने इसे ही अपना व्यवसाय बनाने का सोच लिया | क्यूंकि उन्हें समझ आ गया था की देश के गाँवों में ऊर्जा कमी एक बहुत बड़ी समस्या है | और सौर ऊर्जा के उपयोग ए इस कमी को काफी हद तक पूरा किया जा सकता है |
कहीं भी बिजली का का आईडिया कैसे आया ( Generate electricity anywhere )
जब उन्होंने अपना काम शुरू किया तो उनका पहला ग्राहक एक किसान था ,जिसने अपने खेतो में सोलर पेनल फिट करवाए थे |ताकि वो पंप चलाकर खेतो की सिंचाई कर सके |
लेकिन कुछ ही महीनो के अन्दर उसके खेतो से सोलर पेनल को चोरी कर लिया गया | अब जब खेतो से पेनल चोरी हुए तो किसान प्रदीप से मुआवज़े की मांग करने लगा | और केवल यह अकेला किसान नहीं था जिसके साथ ऐसा हुआ बल्कि इस घटना के बाद कुछ ही दिनों में कई सारे किसान मुआवज़े की मांग लेकर आए | प्रदीप को लगा की ऐसे तो उनका बिज़नस डूब जाएगा | उन्होंने ठान लिया की वो इस समस्या के लिए कोई समाधान ढूंढ कर ही रहेंगे | 2015 में काफी कोशिशो के बाद आखिर कार प्रदीप ने इस समस्या का हल ढूंढ ही लिया | और वो यह की सोलर पेनल को नष्ट होने और चोरी होने से बचाने का एक ही तरीका है की आप उन्हें अपने साथ खेतो से उठाकर घर ले जाए , और सुबह वापस उन्हें अपने साथ खेत ले आए | लेकिन यह सब इतना आसान नहीं था | क्यूंकि यह पेनल काफी भारी होते है और यहाँ से वहां करने में आसानी से टूट सकते है |इसलिए प्रदीप जी ने ऐसे सोलर पेनल का विकास किया जिनमें पहिए लगे होंते हैं | दर असल solar पेनल को एक ट्रोली में फिट किया जाता है | और इस ट्राली को किसान के ट्रेक्टर से जोड़ दिया जाता है | जिसे वो आसानी ए अपने घर ले जा सकते है | और फिर वापस भी ला सकते है |
एक बार जब उनके दिमाग में यह आईडिया आ गया तो उन्होने इसके ऊपर काम शुरू कर दिया | उन्होंने मेटल का उपयोग करके ट्राली का निर्माण किया | शुरू शुरू में ट्राली से पूरे पेनल को मेन्टेन करने में काफी समस्या हुई | आखिरकार चार साल की महनत के बाद प्रदीप को अपनी कोशिश में सफलता मिली और उन्होंने एक सही संचालित सोलर पेनल बना ही लिया | और 2019 में उन्होने अपने प्रोटोटाइप मॉडल को सही आकर दिया और अपनी कम्पनी TG solar pump में यूज़ बेचना शुरू कर दिया |
यह डिवाइस कितनी इलेक्ट्रिसिटी दे सकती है ( How much electricity produced by this Panel )
यह डिवाइस दो साइज़ में आती है और 2 HP से लेकर 10 HP तक बिजली का उत्पादन कर सकती है | ट्रोली को किसान के ट्रेक्टर के साथ फिट कर दिया जाता है , जिसमें पहिए लगे होते है जिसकी वजह से वो ऊबड़ खाबड़ रास्तो पर भी आसानी से चल सकती है | हां अगर ग्राहक को इससे अधिक ऊर्जा की ज़रूरत है तो इन solar पैनल को ग्राहक की ज़रूरत के अनुसार बढाया भी जा सकता है |
किसानो के लिए ही काफी फायदेमंद (Benefitting 2000 farmers )
यह सोलर पेनल ट्रोली किसानो के लिए काफी फायदेमंद साबित हो रहीहै , इसके माध्यम से वो न केवल अपनी ऊर्जा सम्बन्धी ज़रुरतो को पूरा कर रहे हैं बल्कि अतरिक्त कमाई भी कर रहे है | कई किसान इस मशीन के उपयोग से अपने दुसरे काम भी कर रहे है , जैसे गेहू पीसना वगेरह | जिससे उन्हें अतरिक्त कमाई भी हो रही हिया | प्रदीप ने अपने प्रोडक्ट के मार्केटिंग के लिए ऑनलाइन मार्केटिंग का सहारा भी लिया है | उनकी खुद की वेबसाइट है जिस पर से देश के किसी भी कोने से उनके पास आर्डर आ सकते है | और प्रदीप ने अभी तक ऐसे 2000 ट्राली बेच भी दी है | इसके अलवा वो अपनी ट्रोली के लिए एक साल की मुफ्त सर्विसिंग भी देते है | इस ट्रोली की शुरूआती कीमत है 48, 000 रु जो ग्राहक की ज़रूरत के हिसाब से बढती जाती है |
प्रदीप जी अभी यही नहीं रुके है अब वोएक ऐसी ट्रोली बनाना चाहते है जी की बीके के पीछे फिट हो सके ताकि वो छोटे किसान जिनके पास ट्रेक्टर नहीं है ., वो भी इसका लाभ ले सके |
यह खोज आगे चलकर ऊर्जा के क्षेत्र एम् बड़ी क्रांती ला सकती है |