फ्लेक्स इंजन – एथेनोल पर गाडी चलाने के नफ़ा नुक्सान (Flex engine – pros and cons of driving on ethanol)

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अभी तक तो हम यही जानते थे की गाडियों में पेट्रोल और डीज़ल इंजन आते है ….लेकिन अब एक खबर आ रही है की अब सभी गाड़ियों में फ्लेक्स इंजन अनिवार्य कर दी जाएंगे …..आखिर क्या है यह फ्लेक्स इंजन | और क्या है इनके फायदे और नुकसान |

यह सामन्य internal combustion engine की तरह ही होते हैं  | फ्लेक्स इंजन में आप दो तरह के ईंधन उपयोग कर सकते हैं , एथेनोल मिक्स और एथेनोल | और आप किस तरह का ईंधन उपयोग करेंगे यह निर्भर करेगा OCTANE RATING पर | एथेनोल जितना ज्यादा REFINE होगा उसकी OCTANE RATING उतनी ही ज्यादा होगी | अब इस तरह के इंजन की जो ख़ास बात है वो यह है की आप इसमें दो तरह के ईंधन उपयोग कर सकते है | जबकि अभी जो इंजन आते है उनमे यह मुमकिन नहीं है | अगर पेट्रोल इंजन है तो वो पेट्रोल से ही चलता है और अगर डीज़ल इंजन है तो वो पूरी तरह स बस डीज़ल पर ही निर्भर होते है | लेकिन फ्लेक्स इंजन में आप पेट्रोल और एथेनोल दोनों का उपयोग कर पाएंगे |और इसके लिए आपको कोई भी एडजस्टमेंट नहीं करने होंगे , सारी सेटिंग फैक्ट्री से ही होकर आएगी | और उसमे लगे सेंसर अपने आप ही सही डाटा कलेक्ट करके इंजन को सेट कर देंगे | और आपको गाडी चलाने में कोई भी परेशानी नहीं आएगी |

अभी मौजूद गाडियों से किस तरह से अलग है (How is it different from existing vehicles )

वैसे तो अभी भी ऐसी गाडिया मौजूद है जिन्हें cng और पेट्रोल दोनों से चला सकते है | फिर फ्लेस इंजन इन से किस तरह अलग है | दर असल इन गाडियों में दो अलग अलग टैंक होते है जबकि flex फ्यूल इंजन में ऐसा नहीं है | और यहाँ आप एक ही टैंक में कई तरह के ईंधन का इस्तेमाल कर सकते हैं | यह इंजन ख़ास तरह से डिजाईन किए जाते है | ब्राजील , कनाडा , यूरोप में ज़्यादातर गाडिया flex इंजन पर ही चलती है |

एथेनोल क्या है What is Ethanol

यह एक तरह का एल्कोहल है जिसे पेट्रोल में मिला कर गाडियों में ईंधन की तरह इस्तेमाल किया जाता है  |मुख्य रूप से गन्ने से इसका उत्पादन होता है | इसके अलावा चावल से भी एथेनोल प्राप्त करने की योजना पर काम चल रहा है | जिसे पेट्रोल में मिक्स करके बेचा जाएगा | वैसे अभी तक पेट्रोल में बहुत कममात्रा में एथेनोल मिलाया जाता है लेकिन आना वाले समय में पेट्रोल में 20 फीसदी एथेनोल मिलाने की योजना है | जिसकी वजह से पेट्रोल की कीमते कम हो जाएंगी |

एथेनोल से गाडी चलाने के क्या फायदे होंगे (What are the benefits of driving on ethanol )

एथेनोल गन्ने से बनता है , जब गन्ने से शकर को बनाया जाता है , तो उस दौरान गन्ने से निकलने वाले कचरे से एथेनोल का निर्माण किया जाता है | तो इस तरह एथेनोल एक बायो फ्यूल (Bio Fuel ) है | तो इसे आप सीधे किसानो से भी खरीद सकते है |इस तरह जीवाश्म ईंधन (Fossil Fuel ) पर हमारी निर्भरता कम होगी | और पेट्रोल के बढ़ते दामो से को देखते हुए तो यह किसी वरदान से कम नहीं लगता | क्यूंकि एथेनोल पेट्रोल के मुकाबले 30 प्रतिशत तक सस्ता है | यहाँ तक की एथनोल मिला हुआ पेट्रोल भी काफी सस्ते में मिल जाता है |

इसके अलावा एथेनोल से चलने वाली गाड़ी पेट्रोल के मुकाबले कम गर्म होगी | क्यूंकि एथेनोल में अल्कोहल उड़ता है जिसकी वजह से इंजन जल्दी गर्म नहीं होता | एथेनोल के इस्तेमाल से आपका ट्रेवल बजट काफी घट सकता है | इसके साथ ही जिन लोगो ने एथेनोल मिक्स पेट्रोल की गाडिया इस्तेमाल की है उनका कहना है की उनकी गाडिया पहले से ज्यादा स्मूथ चल रही है और माइलेज भी पहले से बेहतर दे रही है |

क्या एथेनोल से चलने वाली गाडी से प्रदूषण नहीं होगा (Will there be no pollution from the ethanol-powered vehicle? )

इसके लिए प्रयास किए जा रहे है की गाडियों के इंजन इस तरह से बनाए जाए की उनसे कम से कम प्रदूषण हो | और जब पेट्रोल का इस्तेमाल कम होगा तो प्रदूषण तो कम होगा ही |

एथेनोल से चलने वाली गाड़ियों के नुक्सान (Disadvantages of vehicles running on ethanol )

अब जहां एथेनोल को ईंधन के रूप में इस्तेमाल करने के इतने फायदे है वही इसके कुछ नुकसान भी हैं  |

जैसे की गाडी में इंजन में लोड बढ़ सकता है , जिसकी वजह से इंजन में समस्या आ सकती है | और ऐसा भी हो सकता है की गाड़े के एवरेज पर भी इसका असर पड़े  |

अभी यह योजना कार्य रूप में नहीं आई है इसलिए इसके फायदे और नुक्सान सही तरह से बताना मुश्किल है | लेकिन आन एवाले दिनों में जब इस तरह की गाडियों का इस्तेमाल व्यापक पैमाने पर होगा तभी इन के फायदे और नुकसानों की सही गड़ना की जा सकेगी |

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