IIT Guwahati के छात्रों ने इजाद की नल के पानी से बिजली बनाने की युक्ति

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IIT Guwahati के Chemistry Dept . के छात्रों ने Kalyan Raidongia के नेतृत्व में एक Research की जिसमे उन्होंने   जीवाश्म ईंधन भंडार की कमी ( Dwindling Fossil Fuel Reserves ) और इस प्रकार के ईंधन के उपयोग से जुड़े पर्यावरणीय समस्याओं को समझा | इस समस्या के समाधान के लिए Research Team ने एक Innovation की |





Kalyan Raidongia

क्या है यह Innovation –

IIT Guwahati   के छात्रों ने पानी से बिजली बनाने की योजना  विकसित की  है|

Indian Institute Of Technology (Iit) Guwahati  के Researchers ने ऐसी नई सामग्री विकसित की है जो रुके हुए और बहते हुए दोनों प्रकार के   पानी से बिजली पैदा कर सकती है।

 पत्रिका Acs Applied Nanomaterials   में प्रकाशित Research  के अनुसार, ऊर्जा स्रोतों के विकेंद्रीकरण का समर्थन करने के लिए छोटे पैमाने पर ऊर्जा उत्पादन के इन नए तरीकों को घरेलू वातावरण में उपयोग  किया जा सकता है।

Researchers ने “Electrokinetic Streaming Potential” नामक Nanoscale  घटना से घरेलू स्तर पर  पानी के नल के माध्यम से बहने वाले पानी  से बिजली को उत्पादित किया |

उन्होंने एक और प्रक्रिया का इस्तेमाल किया, जिसे “Contrasting Interfacial Activities” कहा जाता है, जिसमें विभिन्न प्रकार के अर्धचालक पदार्थों (Semiconducting Materials ) की सहायता से  रुके हुए  पानी से बिजली उत्पन्न  करके दिखाया |

IIT Guwahati   में Chemistry  Dept .  के छात्रों ने इस Research के लिए काफी खोज की और  वैकल्पिक ऊर्जा स्रोतों (Alternative Energy Sources ) जैसे प्रकाश, गर्मी, हवा, समुद्र की लहरों, आदि में काफी शोध किया गया है।

उन्होंने कहा कि विभिन्न रूपों में पानी से ऊर्जा उत्पन्न होती है जैसे – नदी का प्रवाह(River),महासागर का ज्वार (Ocean Tides) स्थिर पानी(Stagnant Water) और यहां तक ​​कि बारिश की बूंदें (Raindrops), जिन्हें हम  “Blue Energy ” भी कहते हैं |

जबकि नदियों से  प्राप्त होने वाली पनबिजली शक्ति (Hydroelectric Power )Blue Energy  का पारंपरिक रूप है, हाल के वर्षों में अन्य तरीकों से पानी की शक्ति का उपयोग  करने की कोशिश की जा रही  है।

ऊर्जा का एक अन्य स्रोत Electrokinetic Energy है।

Raidongia  के अनुसार “जब तरल पदार्थ (Fluid)  छोटे चैनलों के माध्यम से प्रवाहित होते हैं जो Charge हो जाते  हैं, इसके फलस्वरूप वे एक विद्युत (Electrical Voltage ) उत्पन्न कर सकते हैं, जो कि छोटे  जनरेटर को चलाने में प्रयोग हो सकता है |

वैसे तो Electrokinetic Energy से उत्पन्न होने वाली ऊर्जा और उनके द्वारा होने वाले ऊर्जा रूपांतरण (Energy Conversion ) को काफी समय पहले ही पहचान लिया गया था पर Fluid के लिए उपयुक्त Chennel उपलब्ध न होने के कारण इसका अधिक उपयोग नहीं हो पाया है |

इस Research मेंJumi Deka, Kundan Saha, Suresh Kumar, And Hemant Kumar Srivastava शामिल थे |

इन Research के परिणाम से यह पता चलता है कि यदि इन सुझावों पर सही तरह से कार्य किया जाए तो देश की बिजली उत्पादन क्षमता कई गुना बढ़ सकती है और देश में जो बिजली की समस्या है  वो भी काफी हद तक ठीक हो जाएगी |

Research Team  अभी इस क्षेत्र में और अधिक कार्य कर रही है –

स्थिर पानी (Stagnant Water)  से बिजली बनाने के लिए Graphene Flakes लगाकर  के लिए, उपकरणों को तैयार किया गया।

Doped Graphene Flakes पर आधारित उपकरणों के पूरक चार्ज(Complementary Charge )  ट्रांसफर की गतिविधियाँ झील, नदी या समुद्री जल जैसे किसी भी प्रकार के जल स्रोत में डुबाने पर  ही बिजली पैदा कर  सकती हैं।

Graphene  एक ऑक्सीकरण से बनी हुई शीट है जिसके बाद Natural Graphite Flakes  में कमी आती है।

Raidongia  ने बताया की  “हमने जो कुछ भी किया है वह इस तरह से संशोधित है कि इसकी Electron Density  में परिवर्तन  किया गया है; यहां तक ​​कि ग्राफीन (GraphenE)  के इस रूप के संपर्क में स्थिर पानी ऊर्जा पैदा कर सकता है,”

Researcher ने अपनी खोज के लिए  अलग से Boron  और Nitrogen  के साथ Graphene Oxide  को डोप किया, Graphene के दो रूपों को दो फिल्टर पेपरों में लोड किया जो एक Electrochemical Cell  में Electrode के रूप में कार्य करते थे।

Researcher  ने कहा कि पानी में दो फिल्टर पेपर डुबाने से 570 मिलीवोल्ट तक की क्षमता पैदा होती है, जो 80 घंटे तक बनी रहती है |

Raidongia ने यह भी बताया कि उन्होंने Coating Area, The Extent Of Doping, Annealing Temperature, And Ionic Conductivity Of The Medium,”  जैसे अलग-अलग मापदंडों से उत्पन्न शक्ति में सुधार किया है |

उन्होंने कहा कि

“हम अपने दैनिक जीवन में बहुत अधिक स्थिर और बहने वाले पानी का उपयोग करते हैं”, बाल्टियों में जमा पानी और नलों से बहने वाले पानी का इस्तेमाल अगर ऊर्जा पैदा करने के लिए किया जा सकता है अगर ऐसे नैनोजेनरेटरों (nanogenerators ) को और विकसित किया जा सके। अबी हमारे पास जो स्रोत है वो बहुत कम हैं , Dr.  Raidongia की टीम ऐसे संसाधनों का विकास करने के लिए प्रयत्नरत है जिससे विश्व के ऊर्जा स्रोतों पर दबाब को कम किया जा सके  |

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