चूहों की दो अध्ययनों में, एक रसायन जिसे ल्यूकोट्रिएन कहा जाता है, ने भोजन से होने वाले अनाफिलैक्सिस को प्रेरित किया। अस्थमा के लिए मंजूर दवा – जिलेउटॉन – इसे कम कर दिया।
अनाफिलैक्सिस एक गंभीर एलर्जिक प्रतिक्रिया है जो बहुत ही जल्दी लाइफ थ्रेटनिंग हो सकती है। यहाँ हम जानकारी देंगे कि चूहों पर किए गए अध्ययनों में क्या पाया गया है और कैसे अस्थमा दवा जिलेउटॉन इस समस्या में मदद कर सकती है।
चूहों पर अध्ययन
पहले अध्ययन में, चूहों को विभिन्न भोजन पदार्थों से अनाफिलैक्सिस की तरह के लक्षणों के साथ पहचाना गया। इसमें पाया गया कि ल्यूकोट्रिएन नामक एक रसायन इस प्रक्रिया को प्रेरित करने में मदद करता है।
दूसरे अध्ययन में, जिलेउटॉन नामक अस्थमा दवा का उपयोग किया गया, जो ल्यूकोट्रिएन के उत्पन्न होने को कम करने में मदद करता है। इस दवा का उपयोग करने से अनाफिलैक्सिस के लक्षणों में कमी आई और चूहे बच गए।
अनाफिलैक्सिस का कारण
अनाफिलैक्सिस एक अत्यधिक एलर्जिक प्रतिक्रिया होती है जो किसी भी भोजन पदार्थ से हो सकती है। यह एक त्वचा, नाक, गले और फेफड़ों को प्रभावित कर सकती है और अक्सर जानलेवा होती है।
अनाफिलैक्सिस का मुख्य कारण होता है एक अत्यधिक एलर्जिक प्रतिक्रिया जिसमें शरीर के रसायनिक प्रणाली का त्वचा, नाक और गले में अधिक आवेग होता ह। इससे एक अत्यधिक संक्रमण का संकेत होता है जिसका परिणाम अनाफिलैक्सिस हो सकता है।
जिलेउटॉन का उपयोग
जिलेउटॉन एक दवा है जो अस्थमा के इलाज में प्रयोग होती है। इसे एक एन्जाइम कैलेस्ट्रोल इन्हिबिटर के रूप में जाना जाता है जो ल्यूकोट्रिएन के उत्पन्न होने को रोकता है।
जिलेउटॉन का प्रयोग अनाफिलैक्सिस के लक्षणों को कम करने में मदद कर सकता है क्योंकि यह ल्यूकोट्रिएन के स्तर को कम करता है। जिलेउटॉन के उपयोग से चूहे में अनाफिलैक्सिस की स्थिति में सुधार आया और उनके लक्षणों में कमी आई।
संक्षेप
इन अध्ययनों के आधार पर हम जान सकते हैं कि ल्यूकोट्रिएन नामक रसायन अनाफिलैक्सिस को प्रेरित कर सकता है और जिलेउटॉन नामक अस्थमा दवा इसे कम कर सकती है। यह अध्ययन नए इलाज की दिशा बता सकता है जो अनाफिलैक्सिस के इलाज में मदद कर सकता है।