nuclear bomb कितने दुनिया में सबसे ज्यादा खतरनाक bomb में से एक है जो की काफी विनाशकारक होते है इसका जीता जागता उदारण Hiroshima and Nagasaki, Japan में देखा जा सकता है जो की 6 August and 9 August 1945 में किया गया है जिसकी वजह से जापान आज भी प्रभावित है यहाँ के लोग शुरुवाती जनम से बिमारिओ के साथ पैदा होते है पर आपने कभी यह सोचने की कोशिश की है की आखिर इतना खतनाक नुक्लेअर bomb काम कैसे करता है जिसकी वजह से वे पुरे शहर को थेहेस पेहेस कर दे रहा है।
शायद आपने कभी इसके बारे सोचने की कोशिश नहीं की हो पर यह आर्टिकल आपके लिए काफी ज्यादा कनौलेजाबल होने वाला है क्योकि इस आर्टिकल में हम nuclear bomb से सम्भंदित जानकारियों के बारे में जानने वाले है जो जानकारी आपको काफी मज़ा आने वाला है तो आर्टिकल को अंत तक जरूर पढ़े|
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Nuclear bomb का अविष्कार
नुक्लेअर bomb काम कैसे करता है यह जानने से पहले हम यह जान लेते है की nuclear bomb का अविष्कार कब हुआ और किसने किया दुनिया का पहले nuclear bomb 1945 में J. Robert Oppenheimer ने बनाया था | और फिर इसके बाद nuclear bomb बनाने के जैसे सारे देश में रेस ही लग गयी आज दुनिया भर में 1300 से भी ज्यादा nuclear bomb मौजूत है जो आसानी से पूरी पृथ्वी को ख़तम कर सकते है
Oppenheimer लॉस एलामोस प्रयोगशाला के युद्धकालीन प्रमुख थे और उन लोगों में से हैं जिन्हें मैनहट्टन प्रोजेक्ट में उनकी भूमिका के लिए “परमाणु बम के पिता” होने का श्रेय दिया जाता है – द्वितीय विश्व युद्ध के उपक्रम जिसने पहले परमाणु हथियार विकसित किए।
Nuclear Energy के प्रकार
परमाणु से परमाणु ऊर्जा को दो तरीकों से मुक्त किया जा सकता है:
- Nuclear fission – एक परमाणु के नाभिक को न्यूट्रॉन द्वारा दो छोटे टुकड़ों में विभाजित किया जाता है। इस विधि में आमतौर पर यूरेनियम (uranium-235, plutonium-233) या plutonium(plutonium-239) के समस्थानिक शामिल होते हैं।
- Nuclear fusion – दो छोटे परमाणुओं को एक साथ लाया जाता है, आमतौर पर हाइड्रोजन या हाइड्रोजन आइसोटोप (ड्यूटेरियम, ट्रिटियम), एक बड़ा (हीलियम आइसोटोप) बनाने के लिए; इस प्रकार सूर्य ऊर्जा उत्पन्न करता है।
Nuclear bomb कैसे काम करता है
अब जानते है की nuclear bomb आखिर काम कैसे करता है पर उससे पहले जानते है की इसे बनाने के लिए किन मैट्रियल्स का इस्तेमाल किया जाता है दरअसल इसे बनाने के लिए दो प्रकार के materials का इस्तेमाल होता है पहला uranium और दूसरा plutonium अब आपके मन में यह सवाल आ रहा होगा की इसमें सिर्फ इन दो मटेरियल्स का ही प्रयोग क्यों होता है तो दोस्तों यह मटेरियल काफी ज्यादा विस्फोटक मैटेरियल्स में से एक होते है जिसमे अगर कोई और element टकराता है तो वे बड़ी मात्रा में heat और energy को release करते है जिससे काफी विसपॉर्ट हो सकता है।
अब आसान भाषा में जानते है की यह काम कैसे करता है तो basically इसमें uranium या plutonium की एक छेद होती है जिसमे किसी दूसरे element से उसे atomic शूट किया जाता है जिसके बाद वे uranium या plutonium से टकराता है और वे ब्लास्ट होते है जिसकी वजह से उसमे मौजूत अन्य uranium या plutonium भी ब्लास्ट होने लगते है और क्योकि वे uranium या plutonium ब्लास्ट होते है तो इसलिए nuclear bomb की परत उसको झेल नहीं पाती जिसकी वजह से काफी heat और energy release होती है और काफी बड़ा विस्पोट होता है और इसका प्रभाव इतना ज्यादा होता है की वे कई हज़ार TNT के बराबर होता है|
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Nuclear Weapon के प्रभाव
Nuclear विस्फोट का हृदय कई मिलियन डिग्री सेंटीग्रेड के तापमान तक पहुँच जाता है। एक विस्तृत क्षेत्र में परिणामी गर्मी फ्लैश सचमुच सभी मानव ऊतकों को वाष्पीकृत कर देती है। इमारतों के अंदर या अन्यथा संरक्षित लोग अप्रत्यक्ष रूप से विस्फोट और गर्मी के प्रभाव से मारे जाएंगे क्योंकि इमारतें ढह जाती हैं और सभी ज्वलनशील पदार्थ आग की लपटों में बदल जाते हैं। भूमिगत आश्रयों में रहने वाले जो प्रारंभिक ताप फ्लैश से बचे रहते हैं, वे मर जाएंगे क्योंकि सभी ऑक्सीजन वातावरण से बाहर निकल जाती है।
कुल विनाश के क्षेत्र के बाहर तत्काल जीवित बचे लोगों का प्रतिशत धीरे-धीरे बढ़ेगा। हालांकि इनमें से अधिकतर घातक जलने से पीड़ित होंगे, अंधे होंगे, खून बह रहा होगा और बड़े पैमाने पर आंतरिक चोटों से पीड़ित होंगे। रेडियोधर्मी गिरावट से कुछ ही दिनों में बचे लोग प्रभावित होंगे। विकिरण-प्रेरित कैंसर कई लोगों को प्रभावित करेगा, अक्सर बीस साल बाद।
Nuclear हथियार किसी भी अन्य हथियार के लिए अतुलनीय पैमाने पर जलवायु और पर्यावरण को गंभीर नुकसान पहुंचाते हैं: रेड क्रॉस का अनुमान है कि nuclear युद्ध के परिणामस्वरूप दुनिया भर में एक अरब लोग भुखमरी का सामना कर सकते हैं।
अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न
1. Nuclear Bomb कितने मील नष्ट करता है?
उत्तर: गणना दर्शाती है कि एक मेगाटन विखंडन, दो मेगाटन एच-बम के विशिष्ट, पांच मिनट के लिए 400 किलोमीटर (250 मील) क्षेत्र को ब्लैकआउट करने के लिए पर्याप्त बीटा विकिरण पैदा करेगा। विस्फोट की ऊंचाई और स्थानों का सावधानीपूर्वक चयन एक अत्यंत प्रभावी रडार-रिक्त प्रभाव उत्पन्न कर सकता है।
2. क्या कोई इंसान Nuclear Bomb से बच सकता है?
उत्तर: आज के परमाणु हथियार विनाशकारी दुःस्वप्न हैं, लेकिन लोग बम के विस्फोट के दायरे के करीब होने पर भी जीवित रह सकते हैं और कर सकते हैं। जापानी व्यक्ति त्सुतोमु यामागुची हिरोशिमा और नागासाकी दोनों की बमबारी के माध्यम से जीवित रहे और 93 वर्ष की आयु में उनकी मृत्यु हो गई।
3. हिरोशिमा पर किसने हमला किया?
उत्तर: संयुक्त राज्य अमेरिका ने 6 और 9 अगस्त 1945 को जापानी शहरों हिरोशिमा और नागासाकी पर दो परमाणु हथियारों का विस्फोट किया|
4. क्या नागासाकी अभी भी रेडियोधर्मी है?
उत्तर: हिरोशिमा और नागासाकी में विकिरण आज पृथ्वी पर कहीं भी मौजूद पृष्ठभूमि विकिरण (प्राकृतिक रेडियोधर्मिता) के अत्यंत निम्न स्तर के बराबर है। इसका मानव शरीर पर कोई प्रभाव नहीं पड़ता है।
5. क्या हिरोशिमा एक युद्ध अपराध था?
उत्तर: कुज़्निक ने कहा कि जापान की परमाणु बमबारी “सिर्फ एक युद्ध अपराध नहीं था, यह मानवता के खिलाफ अपराध था।”
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