कोयले को खुली बोगियो मे ही क्यू ढोया जाता है
आपने कई बार मालगाड़ियों से कोयले की ढुलाई होते तो ज़रूर देखी होगी , बड़ी बड़ी मालगाड़ियों के डिब्बो मे हजारो टन कोयला भरकर देश के के एक कोने से दूसरे कोने तक भेजा जाता है | लेकिन क्या आपके मन मे कभी यह ख्याल आया है की आखिर कोयले को इस तरह खुली बोगियो मे ही भरकर क्यू भेजा जाता है , ज्स्ब्कि इस तरह से खुले मे कोयला रखने से उसके चोरी होने का खतरा सबसे ज़्यादा रहता है साथ ही बारिश और हवा से भी उसे नुकसान पहुँच सकता है | आज हम इसी सवाल का अजवाब लेकर आए है की आखिर क्यू कोयले को खुली बोगियो मे ही एक जगह से दूसरी जगह भेजा जाता है |
कोयला से बिजली बनती है जिसकी वजह से हमारे देश की कुल आरज़ा जरूरत का एक बड़ा हिस्सा पूरा होता है , आज भी हम अपनी ओरर्जा जरूरत को पूर करने के लिए काफी हद तक कोयले पर ही निर्भर है | इसलिए कोयले की खदानों से कोयले को निकाल कर पूरे देश के ताप विद्युत बिजली घरो मे भेजा जाता है , जहां इसका उपयोग बिजली बनाने मे किया जाता है | कोयले को एक जगह से दूसरी जगाह भेजने के लिए रेल गाड़ियो का उपयोग किया जाता है | लेकिन रेल गाड़ियो मे भी खुली बोगिया ही कोयले को ढोने के लिए सबसे सही साधन मानी जाती है | लेकिन इसके पीछे एक बहुत बड़ा कारण है जो बहुत ही कम लोग जानते है आइए आपको इस की असली वजाह बताते है |
असल मे केवल भारत मे ही नहीं बल्कि पूरी दुनिया के कई देशों मे कोयले को ढोने के लिए खुली बोगियो का इस्तेमाल किया जाता है | इस बोगियो को बॉक्स एन वेगन ( BOXN wagon ) कहा जाता है | वैसे तो कोयले को इस तरह खुली बोगियो मे ढोने से काफी नुकसान होता है जैसे की लोग स्टेशन पर खड़ी ट्रेन से कोयले की चोरी आसानी से कर लेते है | लेकिन इसके कई फायदे भी है |
कोयले की लोडिंग आसान होती है
कोयला खदानों से कोयला निकालने के बाद इसे पिट हेड में लाया जाता है। वहीं, कोल स्टॉक यार्ड बनाया गया है। वहां मालगाड़ी लाकर यार्ड में डाल दी जाती है। जहां वैगनों में कोयला डंप किया जाता है। मालगाड़ी में कोयले की लोडिंग बुलडोजर या मशीन से की जाती है। खुले वैगनों में लोड करना आसान है। अगर वैगन बंद है तो उसे लोड करने में काफी समय लगता है।
कोयले को उतारना भी आसान होता है
कोयले से लदी मालगाड़ी जब बिजली घर में पहुंचती है तो वहां खुले वैगन से कोयले को उतारना भी आसान हो जाता है. ज्यादातर जगहों पर ऐसी व्यवस्था है कि जहां मालगाड़ी खड़ी होती है वहां कोयले से लदी पेटी को बगल की मशीनों से पलट दिया जाता है. वैगन के खुलने से कुछ ही मिनटों में कोयला खाली हो जाता है। अगर वैगन बंद हो जाता है, तो उसमें से कोयले को उतारने में काफी समय लगता है।
आग बुझाना आसान होता है
कोयला अत्यधिक ज्वलनशील पदार्थ है। यह आसानी से आग पकड़ लेता है। खुले वैगन में कोयला ले जाने का मुख्य कारण आग से बचाव भी है। अगर कोयले में आग लग जाती है तो इसे खुले वैगन में आसानी से देखा जा सकता है। कई बार ऐसा होता है कि जैसे ही वैगन में धुंआ नजर आता है इसकी सूचना तत्काल रेल प्रशासन को दी जाती है. इससे बचाव आसान हो जाता है।
इस तरह अगर कोयले को खुली बोगियो मे ढोने के कुछ नुकसान है तो उसके काफी सारे फायदे भी है इसलिए कोयले की ढुलाई के लिए खुली बोगियो को ही उचित विकल्प माना जाता है |