नासा करने वाला है एक विशाल उल्कापिंड पर स्पेस क्राफ्ट से हमला| NASA to destroy asteroid
नासा करने वाला है एक विशाल उल्कापिंड पर स्पेस क्राफ्ट से हमला , तारिख का एलान ….धरती को है बचाना ( NASA is going to attack asteroid with space craft date announced ….Earth to be saved )
23 नवम्बर 2021 यह दिन नासा के (NASA ) के लिए बहुत खास है | इस दिन अमेरिकन अन्तरिक्ष एजेंसी ( NASA ) ने एस्टेरोइड पर अपने स्पेस क्राफ्ट से हमला करने वाला है | नासा का स्पेस क्राफ्ट एस्टेरोइड से 24, 140 किमी प्रति घंटा की स्पीड से टकराएगा | और यह नोट किया जाएगा की एस्टेरोइड की दिशा में क्या बदलाव आता है, और वो किस दिशा में जाएगा |और साथ ही यह भी जांच की जाएगी की जब स्पेस क्राफ्ट एस्टेरोइड से टकराएगा तो उसके वातावरण में मौजूद धातु , धुल , मिटटी आदि का भी अध्ययन ककिया जा सके | अब आपको उस एस्टेरोइड के बारे में बताते है जिसके ऊपर हमला किया जाने वाला है | उस एस्टेरोइड का नाम है डीडीमोस एस्टेरोइड | इसका व्यास ( Diameter ) 2600 फीट है | और इतना ही नहीं इसके चारो एक पत्थर या कहे तो चट्टान भी है जो लगातार इसके चक्कर लगा रहा है | यह पत्थर कुछ कुछ चन्द्रमा से मिलता जुलता है |और इसका व्यास ( Diameter ) है 525 फीट | अब आपको नासा के पूरे मिशन के बारे में बताते है |
असल में नासा इस छोटे चन्द्रमा जैसे पत्थर को ही निशाना बनाने वाला है , और यही पत्थर विस्फोट के बाद डीडीमोस से टकराएगा | इसके बाद यह अध्यन किया जाएगा की इस विस्फोट के बाद एस्टेरोइड में क्या क्या परिवर्तन होते हैं | इस पूरे प्रोजेक्ट को इसलिए अंजाम दिया जा रहा है ताकि भविष्य में अन्तरिक्ष से आने वाले एस्टेरोइड से धरती को बचाया जा सके | एक बार यह पता चल जाए की एस्टेरोइड टक्कर के बाद किड दिशा में जाएगा तो भविष्य में आनी वाले एस्टेरोइड की दिशा बदलना आसान हो जाएगा और धरती को एस्टेरोइड की टक्कर से होने वाले नुकसान से बचा जा सकेगा |
एस्टेरोइड क्या होते हैं ( What is Asteroids )
अब आपको यह भी बता देते हैं की आखिर यह एस्टेरोइड होते क्या है ? एस्टेरोइड एक तरह की चट्टानें होती है जो किसी गृह की तरह ही सूर्य के चारो तरफ चक्कर लगाती रहती है | लेकिन इनका आकार ग्रहों की तुलना में काफी छोटा होता है | यह वो गैस और धुल के बादल होते हैं , जी किसी वजह से गृह का रूप नहीं ले पाए और आखिर में चट्टानों या कहे तो एस्टेरोइड में तब्दील हो गए |इनका आकर भी दुसरे ग्रहों की तरह गोल नहीं होता | यहाँ तक की कोई भी दो एस्टेरोइड भी आकर में एक जैसे नहीं होते |
एस्टेरोइड से धरती को क्या खतरा होता है (What are the dangers of asteroids to the earth? )
यह सभी चट्टानें लगातार अन्तरिक्ष में घूम रही है , और जब यह किसी गृह के पास से गुज़रती है तो उसके गुरुत्वाकर्षण (Gravity ) के प्रभाव से यह उसकी और बढ़ने लगती है | और कई बार यह उस गृह से टकरा भी जाती है | और जब एक इतना बड़ा उल्का पिंड इतनी तेज़ गति से किसी गृह से टकराता है तो वो महाविनाश का कारण बनता है | आज से करोडो साल पहले ऐसे ही एक उल्का पिंड की टक्कर की वजह से धरती पर से डायनोसोर का विनाश हो गया था | इसके बाद भी कई बार धरती से उल्का पिंड टकराए पर वो इतने बड़े और विनाशकारी नहीं थे | वैसे ही जब कोई उल्का पिंड धरती के वातावरण ( atmosphere ) में प्रवेश करता है .तो वेह धरती की सतह पर पहुँचने से पहले ही जलकर नष्ट हो जाता है | और उसके केवल छोटे छोटे टुकड़े ही धरती पर गिरते है | जिसकी वजह से कभी कोई बड़ा नुकसान नहीं हो पाता | लेकिन यह हमेशा हो ऐसा ज़रूरी नहिहाई | कई बार कई बड़े एस्टेरोइड ऐसे भी हो सकते है जो धरती की सतह तक पहुँचने में कामयाब हो जाए , ऐसे में अगर कोई उल्का पिंड धरती से टकरा जाए तो पूरी मानव सभ्यता का विनाश हो सकता है | इसलिए वैज्ञानिक ऐसी कोई समस्या आने से पहले ही उसका हल ढूँढने की कोशिश कर रहे है | और यह खोज इसी दिशा में उनका अगला कदम है | जिसके माध्यम से वो आकाश में ही एस्टेरोइड की दिशा परिवर्तित कर सकते है | ताकि वो एस्टेरोइड धरती से बिना टकराए निकल जा