Introduction:- हम सिर्फ अपने सोलर सिस्टम की ही बात करें तो हमारे सामने ऐसे कई जगह है,जिन्हें हम अपने फ्यूचर के लिस्ट में शामिल कर सकते हैं,लेकिन सिर्फ एक ही ऐसा ग्रह है जहां जाना नियर फ्यूचर में हमारे लिए सम्भव हो सकता है!
और वह ग्रह है,मार्स यानी की मंगल ग्रह हमारी सोलर सिस्टम का चौथा ग्रह और धरती की पड़ोसी मार्स एक ऐसा ग्रह है जिसके बारे में हम जानते तो प्राचीन काल से हैं लेकिन इसकी खोज और इसमें जीवन की तलाश अभी कुछ सालों से ही शुरू हुई है,
आखिर यूएई ने इस मिशन को क्यों किया है,लॉन्च क्या है,इसके पीछे की वजह:-
1. वही यदि बात करें यूएई की लेटेस्ट न्यूज़ ये है की संयुक्त अरब अमीरात अपना मार्स मिशन लॉन्च करने वाले हैं सुना है अगर आपने नहीं तो कोई बात नहीं चलिए जानते हैं क्या है,इसके पीछे की सच्चाई
2. दोस्तों यूनाइटेड अरब अमीरात मिडिल ईस्ट में बसा एक छोटा सा देश है, एरिया वाइज यदि बात करें तो हमारे भारत देश के पश्चिम बंगाल से भी छोटा एक देश है, वही यदि देखें तो इस देश की पापुलेशन करीब 1 करोड़ है,
3. यूएई की पापुलेशन जिसमें से करीब 34 लाख लोग तो इंडियन ही है, इस देश में पेट्रोलियम और नेचुरल गैस के भंडार है और इसीलिए यहां पर बेशुमार दौलत भी है यदि बात करें यूएई की मार्स मिशन की तो इसको होप मार्स मिशन एमिरेट्स स्मार्ट मार्स मिशन नाम दिया गया है !
4. जुलाई 2014 में यूएई के प्रेसिडेंट सेख खलीफा बिन जायद ऑल नहयान ने सबसे पहले इस मिशन की शुरुआत की थी , इसके पीछे उनका मकसद था अपने देश के इंजीनियर्स के कैपेबिलिटीज को इनक्रीस करना और उसके साथ-साथ मंगल ग्रह के बारे में हम इंसानों के नॉलेज को भी बढ़ाना ।
5. इस मिशन के और वाइटर को दुबई के मोहम्मद बिन राशिद स्पेस सेंटर और अमेरिका की यूनिवर्सिटी ऑफ कोलोराडोबोल्डर,यूनिवर्सिटी ऑफ कैलिफ़ोर्निया ब्रेकली और एरीजोना स्टेट यूनिवर्सिटी ने मिलकर बनाया है,यूएई के पास अभी वह टेक्नोलॉजी नहीं है,
6. कि वो खुद अपनी जमीन से हैं,इस स्पेस को लांच कर सके इसलिए वो इसमें जापान की मदद लेने वाले हैं,आशा है कि इस स्पेस को 14 जुलाई 2020 को जापान के मीत सुरभि से हैवी इंडस्ट्री H-11A launcher से इस मिशन को भेजा जाने वाला था
7. लेकिन खराब मौसम के कारण इसकी लॉन्चिंग को दो बार विलंब की जा चुकी है और अभी लेटेस्ट न्यूज़ के अनुसार 22 जुलाई के बीच लॉन्च किया जाएगा वहीं यदि जुलाई में ही इसकी लॉन्चिंग सक्सेसफुल हो जाती है, तो मार्स ग्रह तक पहुंचने में तकरीबन 7 से 9 महीने तक लग सकता हैं
https://scienceshala.com/crater-left-by-one-of-the-largest-known-meteorites-to-hit-earth/1229/
8. मतलब कि इस साल 2021 में फरवरी से अप्रैल महीने के बीच मार्स औरविट कर रहा होगा वहीं यदि देखें इस पूरे मिशन के ड्यूरेशन की तो तकरीबन 2 साल की होगी बात करें यदि इस स्पीच के डायमेंशन की तो इसकी लेंथ 2 पॉइंट 3 मीटर हाइट 2 पॉइंट 9 मीटर और इसका वजन तकरीबन 1350 kg है।
conclusion:-
मतलब कि वे इस मिशन के थ्रू क्या नया करना चाहते हैं well आज तक किसी भी मुस्लिम कंट्री ने मंगल ग्रह पर अपना कोई स्पेस क्राफ्ट नहीं भेजा है
वहीं यदि यूएई इस मिशन को करने में कामयाब हो जाता है, तो वो ऐसी पहली मुस्लिम कंट्री होगी जो मंगल ग्रह पर पहुंचेगी सेकेंड्ली यह स्पेस क्राफ्ट कई सारे चीजों पर स्टडी भी करने वाला है पिछले कुछ सालों में यह observe किया गया है, कि
मंगल ग्रह का एटमॉस्फेयर हाइड्रोजन ऑक्सीजन को खो रहा है,इस मिशन के थ्रू इसकी रिकॉर्डिंग डाटा कनेक्ट किया जाएगा तो ये या कुछ जानकारी मंगल ग्रह से जुडी संबंधित आपको कैसा लगा यह जानकारी अपना फीडबैक कमेंट के माध्यम से जरूर दें!