नई दिल्ली: 5,000 से अधिक कोविड-19 (COVID-19) रोगियों पर अमेरिका में किए गए एक अध्ययन के बाद अनुसंधानकर्ताओं ने कहा है कि कोरोना वायरस (Coronavirus) में से बदलाव हो रहा है और इन्हीं में से किसी एक बदलाव ने इसे अधिक संक्रामक बनाया होगा. पत्रिका ‘एमबीआईओ’ में प्रकाशित अध्ययन रिपोर्ट में हालांकि यह नहीं कहा गया कि इन बदलावों ने वायरस को घातक बनाया है या चिकित्सकीय परिणामों को बदल दिया है. अधिक संक्रामक होने की आशंका अनुसंधानकर्ताओं ने उल्लेख किया कि ‘स्पाइक प्रोटीन’ से जुड़ा ‘डी614जी’ नाम का बदलाव विषाणु के प्रवेश के लिए शरीर की कोशिकाओं को खोल देता है. उन्होंने उल्लेख किया कि महामारी की पहली लहर के दौरान ह्यूस्टन में मरीजों में नए कोरोना विषाणुओं में से 71 प्रतिशत में यह बदलाव था. अनुसंधानकर्ताओं ने कहा कि ह्यूस्टन में गर्मियों के दौरान महामारी की दूसरी लहर के दौरान यह आंकड़ा 99.9 प्रतिशत का हो गया. उन्होंने कहा कि इस तरह की चीज दुनियाभर में देखी गई जिससे यह निष्कर्ष निकलता है कि नोवेल कोरोना वायरस के बदलावों में से किसी एक बदलाव ने इसे अधिक संक्रामक बनाया होगा. यह भी पढ़ें- वैज्ञानिकों ने बनाया बेहद खास गुणों वाला मास्क, Coronavirus को करेगा निष्क्रिय भारत में कोरोना के आंकड़े वहीं, आंकड़ों की बात करें तो भारत में पिछले 24 घंटे में45,231 नए कोरोना मामले सामने आए हैं, 496 कोरोना संक्रमितों की जान चुकी है. अब तक इस वायरस की चपेट में आकर 1,22,607 लोग मौत के मुंह में चले गए हैं. देश में कुल मरीजों की संख्या 82 लाख के आंकड़े को पार कर गई है. लेकिन राहत की खबर ये हैं कि ठीक होने वाले लोगों की संख्या बढ़कर 7544798 के पार पहुंच गई है. एक्टिव केस भी घटकर 5,61,908 पर आ गए हैं. ICMR के मुताबिक, एक नवंबर तक कोरोना वायरस के कुल 11,07,43,103 सैंपल टेस्ट किए जा चुके हैं. विज्ञान से जुड़ी अन्य खबरें पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें
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